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महाराष्ट्र में तीसरी लहर ने दी दस्तक, मप्र के लिए खतरे की घंटी

मुंबई। जिस बात की आशंका कई दिनों से जताई जा रही थी, आखिर वैसा ही हुआ। देश में कोरोना की तीसरी लहर ने कदम रख दिया है। मध्यप्रदेश के लिए यह बड़ी चेतावनी है, क्योंकि तीसरी लहर की शुरुआत पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर और मुंबई से हुई है। दोनों राज्यों के बीच आवाजाही बहुत ज्यादा है। महाराष्ट्र के मंत्री नितिन राउत ने कहा है कि नागपुर में बहुत दिनों बाद दोगुने कोरोना पॉजिटिव मामलों पर आ गए हैं। कोरोना की तीसरी लहर का आगमन हो गया है। उन्होंने यह बात राज्य के सीनियर प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारियों से चर्चा के बाद कही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही कोविड आपदा प्रबंधन बल की बैठक होगी। कुछ पाबंदियां लगाने का फैसला किया गया है लेकिन इसके बारे में जनता के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करके अंतिम फैसला लिया जाएगा। उन्होंने नागपुर में लॉकडाउन लगाने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि अगले 3-4 दिनों में लॉकडाउन लगाने का फैसला ले लिया जाएगा।

लोगों को सावधान रहने की सलाह

दरअसल अन्य हिस्सों की तुलना में अगस्त में विदर्भ रीजन में कोविड मामलों में तेज गिरावट देखी गई थी। विदर्भ के नागपुर जिले में अगस्त में सिंगल डिजिट मामले ही रिपोर्ट हो रहे थे, लेकिन बीते लगातार दो दिनों से डबल डिजिट मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। उधर, मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने मुंबई में तीसरी लहर की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस दौरान काफी सावधान रहने की जरूरत है। वहीं शहर में पाबंदियां लगाने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि पाबंदियां लगाने का हक तो राज्य सरकार को है।

डेल्टा प्लस के मामले

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि नागपुर सहित 11 जिलों वाले विदर्भ रीजन में डेल्टा प्लस के कुल 25 मामले हैं। महाराष्ट्र में दूसरी लहर की शुरुआत भी विदर्भ रीजन के अमरावती जिले से ही हुई थी। उधर 2600 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं मुंबई में एक हफ्ते में।

मध्यप्रदेश ने खोल दी है सीमा

मध्यप्रदेश सरकार ने 1 सितंबर से महाराष्ट्र की सीमाओं को खोल दिया गया है। इससे दोनों राज्यों के लिए वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। महाराष्ट्र से छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर, पचमढ़ी, सागर के लिए रोज बसों की 20-25 फेरियां लगाई जा रही हैं। ऐसे में महाराष्ट्र में तीसरी लहर के आगमन के साथ ही मप्र पर भी खतरा मंडरा रहा है।

मप्र हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना की तीसरी संभावित लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार को अपनी तैयारी बताने के लिए 22 सितंबर तक का समय दे दिया। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार के आग्रह पर यह व्यवस्था दी। गत सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कोराना की तीसरी लहर की तैयारियों के संबंध में जानकारी तलब की थी। राज्य की ओर से निर्धारित समय-सीमा में सीटी स्केन मशीन व ऑक्सीजन प्लांट आदि लगाने को लेकर अंडरटेकिंग दी गई थी। राज्य के जवाब को रिकॉर्ड पर लेकर कोर्ट ने छह सितंबर तक समस्त जानकारी प्रस्तुत करने कहा था।

मप्र में चल रही ये तैयारियां

मध्यप्रदेश में मार्च 2020 की तक किसी भी सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट नहीं था। फिलहाल 190 आॅक्सीजन प्लांट्स लगाए जा रहे हैं। इसमें से अभी तक 68 प्लांट्स स्थापित और 65 प्लांट्स क्रियाशील किए जा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सितंबर तक शेष सभी प्लांट्स क्रियाशील हो जाएंगे। राजधानी भोपाल के शासकीय जेपी अस्पताल में भी 3 नए आॅक्सीजन प्लांट बनाए जा रहे हैं। इसमें 1000 लीटर की क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट बन कर तैयार हैं। हाल ही में प्रदेश के 10 अस्पतालों में नए ऑक्सीजन प्लांट्स का वर्चुअली लोकार्पण किया‌‌ गया है। लगभग 6.5 करोड़ रुपए की लागत वाले इन 10 आॅक्सीजन प्लांट की क्षमता 5500 एलपीएम (लीटर प्रति मिनिट) ऑक्सीजन उत्पादन की है। ये प्लांट सीहोर जिले में आष्टा और रेहटी, विदिशा जिले में विदिशा और सिरोंज, खरगोन जिले में खरगोन और बड़वाह, सागर जिले में खुरई के अलावा कटनी, टीकमगढ़ और नरसिंहपुर में स्थापित किये गये हैं। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सितंबर अंत तक 60% तक ऑक्सीजन प्लांट बन कर तैयार हो जाएंगे।

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