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घर में रखी ये चीजें मानसिक सेहत के लिए हैं फायदेमंद

घर में रखी ये चीजें मानसिक सेहत के लिए हैं फायदेमंद

इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग सिर्फ कमाई पर ही ध्यान दे रहे हैं। कई लोग मानसिक सेहत को लेकर जागरूक भी हैं और इसके लिए समय निकालकर वर्कआउट करते हैं। आर्थिक रूप से संपन्न लोग जिम जाकर एक्सरसाइज करते हैं तो कई लोग मॉर्निंग वाक या घर पर ही एक्सरसाइज करते हैं। लेकिन…बहुत कम लोग हैं जो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ अपनी मानसिक सेहत पर ध्यान देते हैं। वाले गिने-चुने लोग ही होंगे जो मानसिक सेहत को लेकर जागरूक रहते हैं।


खानपान ठीक रखना जरूरी

जिस तरह शारीरिक सेहत को खानपान पर ध्यान रखकर सुधारा जा सकता है, उसी तरह मानसिक सेहत भी खानपान पर ध्यान रखकर ठीक रखी जा सकती है। जीवनशैली और खानपान ठीक रखकर मानसिक समस्याओं के खतरे को भी कम किया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए पौष्टिक आहार फायदेमंद है। आहार शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के स्वास्थ्य को संभालकर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में जिनका इस्तेमाल करके मानसिक सेहत बेहतर रखी जा सकती है।

सूखे मेवे

मानसिक सेहत के लिए सूखे मेवों भी फायदेमंद हैं। सूखे मेवों को ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक उत्कृष्ट स्रोत माना जाता है। यह अवसाद से लड़ने में मददगार है। जैसे काजू में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा मस्तिष्क को आॅक्सीजन देती है। बादाम में पाया जाने वाला फेनिलएलनिन नामक यौगिक मस्तिष्क के लिए डोपामाइन और अन्य न्यूरोट्रांसमीटर का उत्पादन करने में मदद करता है।

साबुत अनाज

मानसिक स्वास्थ्य के लिए साबुत अनाज लाभकारी है। वैसे तो साबुत अनाज के सेवन को कई तरह से फायदेमंद माना जाता है। साबुत अनाज में जटिल कार्बोहाइड्रेट और कई तरह के पोषक तत्व रहते हैं। साबुत अनाज मस्तिष्क को ट्रिप्टोफैन अवशोषित करने में मदद करता है। अवसाद और चिंता को कम करने में भी साबुत अनाज लाभदायक माना जाता है।

पालक और हरा पत्तेदार साग

पालक और हरा पत्तेदार साग सेहत के लिए पौष्टिक आहार है। इससे मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में फोलिक एसिड की पूर्ति होती है। इससे अवसाद का खतरा कम होता है। मानसिक स्वास्थ्य के कारण जिन लोगों को नींद न आने की दिक्कत होती है, उन्हें भोजन में पालक का उपयोग करना चाहिए। एक अध्ययन में सामने आया है कि पालक में मौजूद यौगिक गुण बुजुर्गों में डेमेंशिया का खतरा कम करने में मदद कर सकते हैं।