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1 जनवरी 2022 से हो रहे हैं ये बदलाव, ऐसा पड़ेगा आपकी जेब पर असर

नई दिल्ली। नया साल शुरू होने में महज तीन दिन बचे हैं। ऐसे में नए साल की पहली तारीख यानी 1 जनवरी 2022 कुछ नए नियमों और बदलावों की गवाह बनेगी। ये आम आदमी की जेब का बजट बिगाड़ सकती है। आम लोगों से लेकर कारोबारी तक इन बदलावों से प्रभावित होंगे। प्रमुख बदलावों की बात करें तो नये साल में बैंक के एटीएम, डेबिट-क्रेडिट कार्ड के साथ-साथ गूगल और पोस्ट पेमेंट्स बैंक के नियमों में बदलाव शामिल हैं।

कई उत्पाद होंगे महंगे

महंगाई से नए साल की शुरूआत होने जा रही है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर ऑटो, स्टील की कीमतें बढ़ जाएंगी। इसके साथ ही फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) प्रोडक्ट और लॉजिस्टिक्स के लिए भी आपको नए साल से ज्यादा दाम चुकाने होंगे।

ऑनलाइन ऑटो बुकिंग

ऑनलाइन ऑटो रिक्शा बुक करके सफर करना भी नए साल से महंगा हो जाएगा। दरअसल, जीएसटी प्रणाली में कर दर और प्रक्रिया में बदलावों के तहत ई-कॉमर्स सेवा प्रदाताओं पर परिवहन और रेस्टोरेंट्स क्षेत्र में दी जाने वाली सेवाओं पर कर का भुगतान करना होगा।

एटीएम से कैश निकालना

यह नियम यानी बढ़ा हुआ शुल्क मुफ्त मासिक सीमा समाप्त होने के बाद लागू हो जाएगा। इस संबंध में हर बैंक अपने-अपने तरीकों से ग्राहकों को जानकारी दे रहे हैं। एक बैंक के नोटिस में कहा गया है कि 1 जनवरी 2022 से मुफ्त सीमा से अधिक एटीएम लेनदेन शुल्क दर को 20 रुपये + जीएसटी से बढ़ाकर 21 रुपये + जीएसटी कर दिया जाएगा।

पोस्ट ऑफिस से पैसे निकालने पर चार्ज

बैंकों की तरह अब इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के खाताधारक को भी पैसे निकालने पर शुल्क देना होगा। यदि आप एक लिमिट से ज्यादा कैश निकालेंगे और डिपॉजिट करेंगे, तो आपको इसके लिए आईपीपीबी को चार्ज देना होगा। यह नियम 1 जनवरी 2022 से लागू हो जाएगा।

कपड़े-जूते के दामों में इजाफा

1 जनवरी से कपड़े और जूते महंगे होने वाले हैं। इसकी वजह है कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने विभिन्न प्रकार के वस्त्र, परिधान और जूतों के लिए वस्तु एवं सेवा कर की दर को 12 फीसदी कर दिया है। पहले यह दर 5 फीसदी थी।

डिजिटल पेमेंट के नियम

नए साल से ऑनलाइन पेमेंट करते समय आपको 16 डिजिट वाले डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर समेत कार्ड की पूरी डिटेल्स भरनी होगी, वह भी हर बार पेमेंट करने पर। यानी अब जब भी आप ऑनलाइन शॉपिंग करेंगे या शॉपिंग करने के बाद डिजिटल पेमेंट करेंगे, तो आपको कार्ड की पूरी डिटेल हर बार डालनी होगी।

रिफंड के लिए आधार सत्यापन जरूरी

कर चोरी रोकने के लिए सरकार ने जीएसटी रिफंड का दावा करने वाले करदाताओं के लिए जीएसटी नंबर से आधार सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। 1 जनवरी, 2022 से जिन कारोबारियों का पैन-आधार लिंक नहीं होगा, उनका जीएसटी रिफंड रोक दिया जाएगा।

अपील पर भरना होगा 25 फीसदी जुर्माना

नए नियम के तहत अगर कोई कारोबारी अपने खिलाफ टैक्स अधिकारी के किसी फैसले को चुनौती देना चाहता है, तो उसे पहले लगाए गए जुर्माने की 25 फीसदी राशि भरनी होगी। मसलन, गलत भंडारण या परिवहन नियमों का पालन नहीं करने पर कोई उत्पाद सीज किया जाता है और कर अधिकारी उस पर जुर्माना लगाता है तो इस फैसले के खिलाफ अपील करने से पहले संबंधित कारोबारी को जुर्माने की 25 फीसदी राशि का भुगतान करना होगा।

ई-वे बिल में अपील का तरीका

ई-वे बिल के जरिए माल परिवहन में गलती पर, अब टैक्स प्रावधान खत्म कर सीधे पेनल्टी दोगुनी हो जाएगी। अब पेनल्टी के खिलाफ अपील करने पर इसका 25 फीसदी भरने पर ही हाई लेवल पर अपील होगी। पहले यह टैक्स का 10 प्रतिशत निर्धारित था।

वेबसाइट सेव नहीं करेंगी डिटेल

इस नए बदलाव के तहत मर्चेंट वेबसाइट, गूगल पे या फिर अन्य एप अब आपके डेबिट और क्रेडिट कार्ड की डिटेल को स्टोर या सेव नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा नई व्यवस्था के तहत अगर वेबसाइट या एप पर पहले से ही आपके कार्ड से जुड़ी कोई जानकारी सेव है, तो वह अब खुद ब खुद डिलीट हो जाएगी।

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