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दीपावली पर होने वाले कई सौदे खटाई में पड़े, बिना अनुमति वाली टाउनशिपों में आ रही सबसे ज्यादा दिक्कतें

इंदौर। दीपावली पर होने वाले कई सौदे बिना अनुमति वाली टाउनशिपों में खटाई में पड़ गए हैं। इंदौर में जमीनों की हेराफेरी के मामले में प्रशासन सख्त रवैया अपना रहा है और भूमाफियाओं पर कार्यवाही कर अवैध निर्माण जमींदोज किए जा रहे हैं। इंदौर नगर निगम की सख्ती के चलते अब दलालों ने अपने ऑफिस बंद कर दिए हैं। ऐसे दलाल जिनके पास रेरा का पंजीकरण नहीं है, वे स्वत: ही आॅफिस बंद कर पंजीकरण करवाने में लगे हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में जल्द ही सिर्फ रेरा में पंजीकृत ही नजर आएंगे। कार्यवाही से उन लोगों में हड़कंप मचा है, जो इस तरह के कामों में लिप्त है। प्रशासन ने अब प्रॉपर्टी ब्रोकर्स को भी हिदायत दे दी है कि नियमों के दायरे में रहकर काम करें। गड़बड़ी की, तो कार्यवाही की जाएगी। डायरी पर सौदे करने वालों के खिलाफ चल रही मुहिम का असर अब रियल एस्टेट पर भी देखने को मिल रहा है। दलालों पर शिकंजा कसने के बाद खरीदार भी अब डायरी के बदले भूखंडों का पंजीयन करवाने के लिए दबाव बना रहे हैं, किंतु कुछ प्रोजेक्ट्स में तो विभागीय अनुमतियां ही नहीं मिल पाई है। प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री करने वालों के लिए भी रेरा में पंजीयन करवाना जरुरी है।

इंदौर में 572 का ही पंजीयन

शहर में करीब पांच हजार से अधिक लोग प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री के कारोबार से जुड़े हैं, पर यहां पंजीयन 572 का ही है। ऐसे में अब दलालों में भी रेरा से पंजीयन करवाने की होड़ मची हैं, ताकि वे प्रशासन की कार्यवाही से बच सके। मप्र में कुल 4505 प्रोजेक्ट हैं, करीब 779 एजेंट ने ही रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है। सूत्रों के अनुसार वास्तविक स्थिति देखे तो शहर की हर गली में दो से तीन दलाल अपना आॅफिस खोलकर बैठे हैं। इंदौर-उज्जैन रोड, खंडवा रोड, धरमपुरी में कई टाउनशिप रेरा में पंजीकृत नहीं है, लेकिन उससे पहले ही मुनाफे का लालच देकर डायरियों पर भूखंडों के सौदे किए जा रहे थे। प्रशासन ने जब दलालों को नोटिस जारी किया तो कुछ टाउनशिपों में काम बंद हो गया। जिन लोगों ने डायरियों पर भूखंड खरीदें हैं, उन्हें भी अब प्रोजेक्टों को लेकर अविश्वास पैदा हो गया है। अब वे लगातार कॉलोनाइजर और दलालों पर पैसा वापस देने या भूखंड की रजिस्ट्री करवाने का बोल रहे हैं। दरअसल, पिछले दिनों हुई कार्यवाही के बाद कलेक्टर ने प्रॉपर्टी ब्रोकर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें रियल एस्टेट के कारोबार में पूर्ण पारदर्शिता व ईमानदारी होना चाहिए।

पंजीकृत ब्रोकर्स की सूची कॉलोनी सेल में

जानकारों के अनुसार सभी प्रॉपर्टी ब्रोकर्स रेरा में अपने पंजीयन जरुर करवाएं। पंजीकृत प्रॉपर्टी ब्रोकर्स की सूची कलेक्टर कार्यालय की कॉलोनी सेल में रखी जाएगी। जमीनों का क्रय-विक्रय किसी भी हालत में डायरी में नहीं होना चाहिए। रेरा में पंजीकृत कॉलोनाइजर और प्रॉपर्टी ब्रोकर्स आपसी समन्वय से कार्य करें। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स को नियम और कानूनों की जानकारी देने के लिए प्रॉपर्टी ब्रोकर्स एसोसिएशन और क्रेडाई दोनों मिलकर अपने-अपने स्तरों पर प्रशिक्षण देंगे। कोई भी कॉलोनाइजर भ्रामक विज्ञापन नहीं दें। विज्ञापन मेंं वास्तविक स्थिति, सुविधाओं और रेरा के पंजीयन की जानकारी स्पष्ट रुप से दी जाए। रियल एस्टेट के कारोबार में प्रॉपर्टी ब्रोकर्स की अहम भूमिका है। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स को चाहिए कि वे जनता के हित में काम करें, ऐसा कोई कार्य नहीं करें, जिससे की जनता के अधिकारों के साथ खिलवाड़ हो। प्रॉपर्टी ब्रोकर्स को शासन की मंशा के अनुुरुप नियम और कानून के हिसाब से कार्य करने की जरुरत है। सभी प्रॉपर्टी ब्रोकर्स रेरा के तहत अपना पंजीयन करवाएं। पंजीयन नहीं करवाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। गड़बड़ी और अवैधानिक कार्य करने वाले प्रॉपर्टी ब्रोकर्स को छोड़ा नहीं जाएगा।

गली-गली में हो गए हैं दलाल

इनदिनों शहर में दलाल गली-गली में हो गए हैं, जो सौदे करते हैं। इनका काम सौदे में केवल कमीशन लेने भर का नहीं हैं, बल्कि ग्राहक को वास्तविक संपत्ति दिलवाना भी है, जो संपत्ति को रीसेल करवाते हैं, उन्हें भी पंजीयन करवाना जरुरी है। सिर्फ कुछ सीमित कागज देकर रेरा में पंजीयन करवाया जा सकता है। चेतावनी के बाद एजेंटों में पंजीकृत करवाने के लिए आवेदन किए जाने लगे हैं। डायरियों पर सौदे करने वाले दलालों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा लगातार कार्यवाही की जा रही है। ऐसे दलालों को काम नहीं करने दिया जाएगा, जिनका रेरा में पंजीयन नहीं है। इन सभी के दफ्तर सील किए जाएंगे।

दलाल की जवाबदेही तय करना है उद्देश्य

प्रॉपर्टी खरीदी बिक्री करने वाले काफी एजेंट अब रेरा में पंजीकृत करने के लिए आवेदन कर रहे हैं। एजेंटों के लिए 10 हजार और 50 हजार रुपए पांच साल की पंजीयन फीस रेरा लेता है। पंजीकरण का मुख्य उद्देश्य दलाल की भी जवाबदेही तय करना है। आनंद जैन, सीए

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