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महाकाल मंदिर में बिना मास्क प्रवेश नहीं, भस्मआरती से लेकर कई व्यवस्थाओ में हुआ बदलाव

महाकाल मंदिर में बिना मास्क प्रवेश नहीं, भस्मआरती से लेकर कई व्यवस्थाओ में हुआ बदलाव

उज्जैन। देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकाल बाबा की भस्म आरती में भक्त शामिल नहीं हो सकेंगे. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलो को देखते हुए महाकाल मंदिर की समिति ने ये निर्णय लिया है. हालांकि, पहले कहा गया था कि महाशिवरात्रि के बाद भस्म आरती में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा, लेकिन कोविड 19 के चलते इसे फिर टाल दिया गया है.

गौरतलब है कि जनवरी माह में उज्जैन में कोरोना से संक्रमितों का आंकड़ा एक, दो या कभी-कभी जीरो पर ही रहा. लेकिन, अब पिछले एक हफ्ते से इसकी रफ़्तार करीब 100 गुना से अधिक हो गई है. अब रोजाना 30 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. बता दें, कोरोना संक्रमण की घटती रफ्तार देखते हुए ही महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था की शिवरात्रि के बाद पहले सोमवार से भस्म आरती में श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलने लगेगा, लेकिन, अब इस फैसले को आगे बढ़ा दिया गया है.

बिना मास्क के न भक्त, न पंडे-पुजारी

मंदिर में बिना मास्क के आवाजाही को लेकर की यह गंभीर मुद्दा है। महाकाल मंदिर में बिना मास्क के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। महाराष्ट्र से आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर कलेक्टर का कहना है कि अभी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है कि उन्हें अलग से चिन्हित किया जा सके। हालांकि हम विशेष दिशा-निर्देश के साथ ही प्री बुकिंग एप पर कुछ ऐसी व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सही तरीके से कर लें तो कोरोना संकट से काफी हद तक निजात मिल सकती है।

पिछले साल 21 मार्च को बंद कर दिया गया था मंदिर

गौरतलब है कि महाकाल मंदिर की भस्मारती देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहंचते थे. कोरोना वायरस के कारण 21 मार्च 2020 को बाहरी लोगों का प्रवेश मंदिर में बंद कर दिया गया था. हालांकि, इसके बाद 9 जून 2020 को ही इसके द्वार दोबारा खुल गए, लेकिन उस समय सुरक्षा के लिहाज से भस्म आरती शुरू नहीं की गई थी.ये रोक फिलहाल अभी और कुछ महीने तक जारी रहेगी.

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