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कोरोना के बाद डेंगू का कहर, पिछले साल की तुलना में चार गुना ज्यादा केस

इंदौर। मध्यप्रदेश में कोरोना के कहर के बाद अब डेंगू का असर देखा जा रहा है। प्रदेश के कई जिलों में डेंगू के मामलों में तेजी से उछाल आ रहा है। इंदौर हो या भोपाल, छिंदवाड़ा, जबलपुर, धार, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा हर जगह डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। डेंगू अब जानलेवा भी हो गया है। इसकी वजह से प्रदेश में मौतें भी होने लगी है। प्रदेश में 900 से ज्यादा डेंगू के मामले की रिपोर्ट अब तक आ चुकी है। प्रदेश में पिछले साल की तुलना में इस बार 4 गुना डेंगू मरीज मिले हैं। मालवा-निमाड़ अंचल के नौ जिलों में आठ की मौत हो चुकी है।

गर्भवती महिलाएं और बच्चे हाई रिस्क में

ये आंकड़े चिंताजनक स्थिति की ओर इशारा कर रहे हैं। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग सभी जरूरी कदम उठाने का दावा कर रहा है। विभाग का कहना है कि एक भी केस सामने आते ही सर्वे किया जा रहा है। जहां भी डेंगू का लार्वा मिल रहा है, उसे नष्ट किया जा रहा है। अस्पतालों में इलाज के पर्याप्त इंतजाम हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जिन्हें पहले कोरोना हुआ हो या फिर एक से दो वर्ष पूर्व डेंगू से पीड़ित रहे हों तो उनके लिए सबसे अधिक खतरा है। ऐसे लोगों में ऑर्गन फेल होने का खतरा सबसे अधिक रहता है। खासकर गर्भवती महिलाएं और बच्चे हाई रिस्क में हैं।

डेंगू का पैटर्न बारिश पर निर्भर

अधिकारियों का कहना है कि डेंगू का पैटर्न बारिश पर ज्यादा निर्भर करता है। पानी थमने से मच्छरों को पनपने का मौका मिल जाता है। बारिश के मौसम में जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में डेंगू की जांच तेज कर दी जाती है। मरीज भी इसी दौरान मिलते हैं। पिछले साल कोरोना के लॉकडाउन के कारण लोग घर पर ही रहे। मच्छरों को पनपने का उपयुक्त मौसम भी नहीं मिल पाया। पाना भी एक कारण है।

इंदौर में मरीजों की संख्या बढ़ने से चिंता

इंदौर में बीते 24 घंटे में डेंगू के 5 नए मामले सामने आए हैं,जिसके बाद शहर में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है। जानकारी के मुताबिक बंगाली चौराहा, प्रोफेसर कॉलोनी, मालवा मिल, स्नेहलतागंज, भवरकुआं, न्यू द्वारकापूरी, बर्फानी नवरतन बाग, विजय नगर, नंदा नगर समेत कई इलाकों में डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इस बार जो डेंगू के मरीज मिल रहे हैं उसमें 11 वर्ष से लेकर 45 वर्ष तक के मरीज शामिल है। जिले में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों के बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ती जा रही है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम इलाकों में जाकर डेंगू की जांच कर रही है।

मंदसौर में सबसे ज्यादा कहर

मंदसौर में डेंगू का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा। लगातार बढ़ते डेंगू के मामले प्रशासन के रोकथाम के दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। 24 घंटे में 18 नए मामलों के बाद जिले में डेंगू के कुल 347 मरीज हो गए। जिले में बढ़ते मरीजों को कांग्रेस ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बताया, वहीं बीजेपी ने स्वास्थ्य विभाग का बचाव किया। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगतार सर्वे कर दवा का छिड़काव कर लार्वा नष्ट करने के प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य विभाग के दावे पर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इलाके में न तो दवा छिड़की जा रही और न ही फॉगिंग हो रही। रोकथाम के पर्याप्त प्रयास न होने के कारण ही डेंगू के मरीज बढ़ते जा रहे हैं।

धार जिले में 7 की मौत

धार जिले में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले शहर में ही दो युवाओं की मौत हुई है। जिला मुख्यालय सहित नालछा, सरदारपुर और बदनावर विकासखंड में डेंगू का प्रकोप ज्यादा है। 50 से अधिक गांवों में यह बीमारी चिंताजनक स्थिति में है। जिला मलेरिया अधिकारी धर्मेंद्र जैन ने बताया कि हमारे यहां पर 23 लोग डेंगू से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे स्तर पर मौत की पुष्टि नहीं हुई है। 35 गांवों में यह बीमारी फैली है। इसको लेकर नियंत्रण कार्यक्रम चला रहे हैं। संदिग्ध मरीजों की संख्या 96 है।

भोपाल में आंकड़ों का खेल

भोपाल में अगस्त माह में यानी बीते 25 दिनों में 43 नए मामले इसके सामने आए है। जबकि, जनवरी से जुलाई तक भोपाल में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या महज 29 थी। वर्तमान में यह संख्या 75 के करीब है। हालांकि, राहत की बात ये है कि भोपाल में अभी तक डेंगू से मौत होने की एक भी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं, दूसरी तरफ चिंता की बात ये है कि सरकारी रिकॉर्ड में सिर्फ 5 मरीज अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, जबकि हकीकत ये है कि डेंगू पॉजिटिव करीब 30 से ज्यादा मरीज ऐसे हैं, जिनका इलाज शहर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। 10 मरीज तो अकेले बंसल अस्पताल में भर्ती हैं। इसी बीच सवाल ये उठ रहा है कि जिस तरह कोरोना से हुई मौतों के आकड़े छुपाए है, वैसे ही अब डेंगू के मामलो को भी दबाया जा रहा है।

कहां कितने मरीज

-50 इंदौर
-347 मंदसौर
-171 रतलाम
-98 आगर मालवा
-96 धार
-75 भोपाल
-141 जबलपुर
-15 ग्वालियर
-14 रीवा
-12 सागर
-54 छिंदवाड़ा

इस बार यहां बढ़े मामले

हर साल डेंगू के सबसे ज्यादा मामले भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर से आते है। इस साल मंदसौर-रतलाम के बाद जबलपुर, आगर-मालवा, भोपाल, छिंदवाड़ा, इंदौर और धार में डेंगू के अधिक केस सामने आ रहे हैं।

मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

जबलपुर में डेंगू के प्रकोप की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव और अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य सेवाओं) से राज्य सरकार द्वारा इससे निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जनकारी मांगी है।

टेस्टिंग बढ़ाई गई

डेंगू के सामान्य से ज्यादा मामले मिलने वाले जिलों में टेस्टिंग बढ़ाने के साथ ही मॉनीटरिंग बढ़ाई गई है। यदि किसी को ठंड लगकर बुखार आ रहा है। मासपेशियों और आंखों के पीछे दर्द हो रहा है तो उन्हें 24 घंटे में डेंगू की जांच कराना चाहिए। -हिमांशु जसवार, डिप्टी डायरेक्टर, स्वास्थ्य विभाग

नष्ट किया जा रहा लार्वा

इंदौर में अभी तक बीते कुछ माह में डेंगू के 50 मरीज मिले चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम लार्वा नष्ट करने, कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव के साथ पानी जमा न होने देने सहित अन्य सलाह भी नागरिकों को दे रही है। -डॉ. दौलत पटेल, जिला मलेरिया अधिकारी इंदौर

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