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फोटो स्टूडियो संचालक का कारनामा, बालिका के आधार कार्ड में की कारस्तानी | उम्र 17 साल से बढ़ाकर की 20

फोटो स्टूडियो संचालक का कारनामा, बालिका के आधार कार्ड में की कारस्तानी उम्र 17 साल से बढ़ाकर की 20

सारंगपुर। पाडलिया आंजना गांव में शनिवार को हो रहा बाल विवाह रोकने के बाद मामले में नई कार्रवाई हुई है, जिसमें बालिका के आधार से छेड़छाड़ करने वाले फोटो स्टूडियो पर भी कार्रवाई की। नाबालिग को बालिग घोषित करने के लिए बनाए गए आधार कार्ड के मामले में सारंगपुर में पचोर तहसीलदार प्रियंक श्रीवास्तव ने जनपद पंचायत सारंगपुर के सामने मौजूद गोस्वामी फोटो स्टूडियो सील कर दिया।

महिला बाल विकास विभाग ने मामले में एफआईआर के लिए पुलिस थाने में आवेदन भी दिया है, हालांकि अभी एफआईआर नहीं हो पाई है। फोटो स्टूडियो संचालक द्वारा कारस्तानी करते हुए तैयार किए गए आधार कार्ड में 17 वर्ष की बालिका की आयु बढ़ाकर फर्जी तरीके से 20 वर्ष कर दी गई थी। इसके बाद प्रशासन ने फोटो स्टूडियो सील कर दिया। इस दौरान आरआई रामगोपाल शर्मा भी मौजूद थे।

दरअसल पाड़ल्या आंजना गांव में शनिवार को बाल विवाह की सूचना पर महिला बाल विकास विभाग सुपरवाइजर शकुंतला नागर और संगीता राठौर मौके पर पहुंची थीं। जहां वधू पक्ष के परिजन बालिका को बालिग बता रहे थे। सूचना के बाद पचोर तहसीलदार प्रियंक श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंचे। जब बालिका के स्कूली दस्तावेज देखे तो उसमें वह नाबालिग थी, जबकि आधार कार्ड के आधार पर बालिग बताई जा रही थी।

इसके बाद परिजन को समझाकर प्रशासन ने बाल विवाह तो रुकवा दिया था, लेकिन मामले की जांच शुरू कर दी थी। इसी में फर्जी आधार कार्ड बनाने की बाल विवाह मामले की जांच कर रहे थे तो उन्होंने आधार कार्ड और आयु प्रमाण पत्र को उम्र तय करने का उचित दस्तावेज नहीं माना। दस्तावेज देखने के बाद स्कूल से जन्म प्रमाण के लिए प्रगति पत्रक भी मंगवाया। बालिका की जन्म तारीख आधार कार्ड में 25 अगस्त 2000 लिखी गई थी, जबकि स्कूल के प्रगति पत्रक में 25 अगस्त 2006 थी। आॅनलाइन रिकॉर्ड की जांच की तो वहां भी उसकी जन्म तारीख 25 अगस्त 2006 ही लिखी थी इस आधार पर स्टूडियो को सील कर दिया।

जनपद पंचायत क्षेत्रांतर्गत चल रहा फर्जीवाडे का खेल

आधार कार्ड में इस तरह के फर्जीवाड़े का यह मामला प्रकाश में आया है, लेकिन कई ऐसे मामले हंै जो उजागर नहीं हुए हैं, लेकिन जनपद पंचायत क्षेत्र में किए गए हैं। इनमें आपात्र लोगों को योजनाओं से लाभांवित करने के लिए या तो दस्तावेजों में छेड़छाड़ की गई है या फिर समग्र आईडी बदली है। इसी तरह के सेंंटरों पर आधार, वोटर कार्ड से लेकर समग्र आईडी तक भी जालसाजी चल रही है।

दलाल तहसील से लेकर जनपद पंचायत एवं पंचायतों में सक्रिय रहकर अपात्रों को पात्र करने और समग्र आईडी परिवर्तित करते हुए उनकी कर्मकार मंडल की डायरी बनाकर फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाकर सरकार को चूना लगा रहे हंै। इतना ही नहीं, तहसील में दलाल अस्पतालों से साठगांठ कर कैंसर बीमारी के फर्जी दस्तावेज बनाकर इलाज के नाम पर अधिकारियों को गुमराह करते हुए फर्जी तरीके से बीपीएल बनवा रहे हैं। इन सब पर भी अधिकारियों को संज्ञान लेते हुए फर्जीवाडे में लिप्त दलालों पर कानूनी कार्रवाई करना चाहिए, ताकि इस तरह कोई दोबारा फर्जीवाड़ा न कर सके।
कार्रवाई से संबंधित दस्तावेज देंगे

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