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सैलून में हेयर वॉश करा रही महिला को आया ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक

नई दिल्ली। हैदराबाद में बहुत ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ब्यूटी पार्लर पर हेयर कट के लिए गई महिला ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम की शिकार हो गई, उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर का कहना है कि महिला की हालत में सुधार आया है। मगर, उसे ठीक होने में अभी समय लगेगा।

दरअसल हुआ यूं कि 50 वर्षीय महिला ब्यूटी सैलून में हेयर कट के लिए गई हुई थी। सैलून में उसका हेयर वॉश किया जा रहा था। इसी दौरान महिला की तबीयत बिगड़ गई। बाद में पता चला कि उसे ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम हुआ था। महिला की हालत बिगड़ते ही सैलून में मौजूद लोगों के हाथ-पैर फूल गए, तुरंत ही महिला को शहर के अपोलो अस्पताल में एडमिट कराया गया है। अपोलो हॉस्पिटल्स के सीनियर कंसल्टेंट सुधीर कुमार के अनुसार, ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम तब होता है, जब जब किसी को काफी देर तक गर्दन पीछे की ओर ऊपर करके और पैर सीधे करके बैठाया जाता है। आमतौर पर पार्लर में बाल धुलाने के लिए बनी कुर्सी पर जैसे लोग बैठते हैं, वह स्थिति हानिकारक होती है।

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सैलून में हेयर वॉश के दौरान रेक्लाइनिंग पोजिशन में बिठाकर गर्दन पीछे की जाती है। कई बार गर्दन को एक ही तरफ काफी समय के लिए रखना पड़ता है। हेयर वॉश के बाद बाल सुखाने के लिए भी गर्दन को पीछे की तरफ झुकाए रखना होता है। इस पूरी प्रक्रिया में 40-45 मिनट का समय लगता है। इतने लंबे समय तक इस पोजिशन में रहने के कारण वर्टेब्रल आर्टिरी (कशेरुका धमनी) सिकुड़ जाती है।

सिर में बन जाता है रक्त का थक्का

गर्दन को पीछे की तरफ झुकाए रखने से 20-30 मिनट के बाद रक्त की आपूर्ति इतनी कम हो जाती है कि रक्त का थक्का बन जाता है। इसके कारण स्ट्रोक जैसे हालत पैदा हो जाते हैं, जिसे ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम कहा जाता है। उन्होंने आगे बताया कि महिला की साथ भी ऐसा ही हुआ है। गर्दन पीछे झुकाए रखने के कारण उसके सेरिबैलम में खून का थक्का जम गया था। फिलहाल वो खतरे बाहर है, लेकिन पूरी तरह से ठीक होने में 2-3 हफ्ते का समय लग जाएगा।

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अमेरिका में आया था सबसे पहला मामला

ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम का सबसे पहले अमेरिका में आया था। साल 1993 में पार्लर पर गई एक महिला को इसकी शिकायत हुई थी। इसके बाद से इस तरह की स्थिति होने पर ब्यूटी पार्लर सिंड्रोम नाम दिया जाने लगा।

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