बुरहानपुर। पानी को बनाया नहीं जा सकता केवल बचाया जा सकता है। पृथ्वी पर एक अरब 40 घन किलो लीटर पानी है जिसका मात्र एक प्रतिषत पानी पीने योग्य है। प्रकृति इंसान को जीवनदायी संपदा जल एक चक्र के रूप में प्रदान करती है, इंसान भी इस चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। प्रकृति के खजाने से जितना पानी हम लेते है, उसे वापस भी हमें ही लौटाना है। जिस तरह साँस लेना आवश्यक है, उसी तरह जल भी हमारे जीवन के लिए आवश्यक है। दरसअल पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस ने जन सहयोग से निर्मित की जा रही जल संरचनाओं के कार्यो का भूमिपूजन कर रही थी। ग्राम बोरसल में श्रीमती चिटनिस की पहल एवं प्रेरणा से ग्रामीणों-कृषकों द्वारा जन संग्रहित की गई राषि से जल संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है।
पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी की मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि अब गर्मियों के दिन शुरू होने जा रहे हैं। इसलिए जल संरक्षण का यह सही अवसर है। ‘जल हमारे लिए जीवन, आस्था और विकास की धारा है। पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। पानी के संरक्षण के लिए हमें अभी से ही प्रयास शुरू कर देने चाहिए। साथ ही उन्होंने जल संचय के लिए 100 दिन का अभियान शुरू करने का आव्हान किया था, जल दिवस के उपलक्ष्य पर बुरहानपुर के ग्राम बोरसल में ग्रामीणों, किसानों के साथ मिलकर जनसहभागिता से राशि एकत्रित कर 3 जल संरचनाओं का भूमिपूजन किया। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि जल संकट अपना विकराल स्वरूप दिखाने लगा है। देश दुनिया में एक त्रासदी के रूप में देखने व समझने के साथ बुनियादी एवं किफायती तरीकों से किए जाने वाले प्रयासों से हम सार्थक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। बुरहानपुर क्षेत्र में जल स्तर निरंतर घटते हुए लगभग 1100 से 1200 फिट नीचे पहुंच गया है, जो बड़ी चिंता का विषय बनकर सामने आया है। इस गिरते भू-जलस्तर को देखते हम भविष्य की कल्पना कर सकते है कि यह कही त्रासदी न बन जाए?
ग्राम बोरसल में 3 जल संरचनाओं का शुरू हुआ निर्माण
ग्राम बोरसल में 3 जल संरचनाओं का निर्माण हेतु कार्य आरंभ हुआ। जिससे 219 लाख लीटर जल संग्रहित होगा। इसमें चेक डेम का निर्माण किया जाएगा जो 15 मीटर लंबर 1.50 मीटर ऊॅचा रहेगा। इससे करीब 75 लाख लीटर जल संग्रहित होगा। वहीं दूसरी जल संरचना जो 10 मीटर चौड़ी 1.2 मीटर ऊॅची जल संरचना का निर्माण किया जा रहा है। इससे करीब 72 लाख लीटर जल संग्रहित हो सकेगा। तृतीय 10 मीटर चौड़ी 1.2 मीटर ऊॅची जल संरचना का कार्य होगा, इससे करीब 72 लाख लीटर जल संग्रहित हो सकेगा। इसके अतिरिक्त आसपास के क्षेत्र में भू-जलस्तर में वृद्धि तथा निस्तार सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी।