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रतलाम के महालक्ष्मी मंदिर में चढ़ावे की अनूठी प्रथा, जहां देश विदेश से श्रृंगार के रूप में करोड़ो की राशि आती है

रतलामवैसे तो आप ने भारत के कई मंदिर देखें होंगे और उनके बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपने किसी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जहां बिना मालिक की देख रेख के लोग करोड़ों की संपत्ति और जेवरात माता के चरणों में अर्पित कर देते हैं।

हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के रतलाम के माणकचौक स्थित अनूठे महालक्ष्मी मंदिर की, यहां श्रद्धालु धनतेरस के दिन अपनी करोड़ों रुपए की संपत्ति और सोने-चांदी से जड़े जेवर माता के चरणों में अर्पित देते हैं। वैसे तो यह प्रथा यहाँ हर साल निभाई जाती है, लेकिन बीते सालों में और कुछ अन्य कारणों के चलते इस मंदिर में ऐसा वैभव तीन साल बाद देखने को मिला है।

लोग अपनी सारी संपत्ति मां के चरणों में रख जाते हैं

आज का कलयुग के इस दौर में जहां लोगों के बीच में ईमानदारी बची ही नहीं है, वहां इस अनूठे मंदिर में लोग अपनी सारी संपत्ति मां के चरणों में रख जाते हैं। वो भी सिर्फ सजावट के लिए। आप तस्वीर में देख सकते हैं कि, किस तरह माता लक्ष्मी के आसपास लोगों के गहने, लाखों-करोड़ो रूपये लड़ों के रूप में सजे हुए है।

मंदिर के गर्भगृह में महालक्ष्मी जी की मूर्ति का श्रृंगार सोने-चांदी के आभूषण, बिस्किट, सिल्लियां, नोटों की गड्डियों से किया जाता है। बता दें, यहां संपति के मालिक अपने रुपए-पैसों की देख-रेख नहीं करते। हालांकि, मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं, लेकिन यहां लोगों की श्रद्धा और और ईमानदारी है जिसकी बदौलत इस मंदिर में लोग कई वर्षों से इस तरह की प्रथा को निभाते आ रहे हैं।

रतलाम मध्य प्रदेश अर्चित अरविन्द डांगी

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