उज्जैन। सावन के तीसरे सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी पूरे ठाट-बाट और शाही स्वरूप में निकाली गई। राजाधिराज महाकालेश्वर की जयकार से पूरा शहर गूंज उठा। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह ने सभा मंडप में श्री चंद्रमोलीश्वर भगवान का पूजन किया।
सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने भगवान को सलामी गार्डऑफ ऑनर दी
मान्यता है कि भगवान महाकाल अपने भक्तों का हाल जानने निकलते है। हालांकि कोविड नियमों के तहत श्रद्धालुओं के सवारी में शामिल होने पर रोक थी। सिर्फ कहार, पंडे, पुजारी, पुलिसकर्मी सहित अन्य कुछ लोग ही सवारी में प्रवेश कर सके। भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी जैसे ही मंदिर प्रांगण से होते हुए श्री महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची वहां सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने भगवान को सलामी (गार्डऑफ ऑनर) दी। सवारी में रजत पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश नगर भ्रमण पर अपनी प्रजा का हाल जानने निकले।
रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा महाकाल का अभिषेक-पूजन किया
सवारी बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए हरसिद्धि मंदिर के पास नृसिंह घाट रोड पर सिद्धआश्रम के सामने से होते हुए क्षिप्रातट रामघाट पहुंची। रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा महाकाल का अभिषेक-पूजन किया। सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि पाल, हरसिद्धि मंदिर बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए महाकालेश्वर मंदिर वापस पहुंची।