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न्यायमूर्ति वंदना करसेकर का दुखद निधन

इंदौर हाई कोर्ट बैंच में पदस्थ 60 वर्षीय न्यायाधीश वंदना कसरेकर का आज सुबह इंदौर के मेदांता अस्पताल मे निधन हो गया  इस खबर के बाद से विधि जगत में शोक की लहर छा गई।उनका जन्म 10 जुलाई, 1960 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था।

मिली जानकारी के अनुसार स्नेहलतागंज निवासी वंदना कसरेकर ने इंदौर के जीडीसी कॉलेज से बीएससी उत्तीर्ण करने के बाद शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय से एलएल-बी. उत्तीर्ण की और 1980 के दशक में जस्टिस सुभाष संवत्सर के यहां से अपना वकालत के क्षेत्र में कैरियर बनाया था। तब श्री संवत्सर वकील हुआ करते थे फिर वे हाईकोर्ट जज बने तो उनके दफ्तर का सारा कामकाज कसरेकर के पास आ गया और तब तक वह काम संभालती रही, जब तक कि श्री संवत्सर सेवानिवृत्त नहीं हुए। आज भी उनकी पहचान संवत्सर के दफ्तर से है। वे काफी समय तक हाईकोर्ट में नियमित तौर पर वकालत करती रही थी। इस दौरान उन्होंने सिविल व सर्विस के मामलों में गहरी दक्षता हासिल की। वे छह साल पहले यानि 2014 मे हाईकोर्ट जज बनी।
उन्हें कुछ समय पहले कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 3-4 दिन पहले वेदान्ता में भर्ती रहने के दौरान उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाने का चल रहा था किंतु उन्हें नही ले जाया जा सका था। आज सुबह करीब 11.30 बजे मेदांता में उन्होंने कार्डियक अरेस्ट के कारण दम तोड़ दिया। कोवीड 19 के नोडल अधिकारी के अनुसार वंदना कसरेकर की मौत की वजह कोरोना संक्रमण है .

बता दें न्यायमूर्ति स्वर्गीय वंदना करसेकर के देह को रामबाग स्थित मुक्तिधाम पर अग्निमुख किया गया मौके पर कलेक्टर मनीष सिंह आईजी योगेश देशमुख सहित कई अधिकारी मौजूद रहे तो वही पुलिस विभाग द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर के तहत उन्हें आखरी विदाई दी गई.

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