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400 रुपए किलो तक पहुंच चुके नींबू के भाव अभी और बढ़ेंगे

नई दिल्‍ली. देशभर में नींबू की कीमतों के अचानक 300 रुपये प्रति किलोग्राम के पार चले जाने के बाद चारों तरफ हाहाकार मच गया है. टमाटर से लेकर हरी सब्जियों तक के दामों में वैसे तो इजाफ हुआ है लेकिन नींबू (Neembu) ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं. सामान्‍य मार्केट में 10 रुपये का एक नींबू मिल रहा है वहीं 300 से 400 रुपये किलोग्राम तक बेचा जा रहा है। देशभर में एक नींबू की कीमत 15 से 20 रुपए हो चुकी है। वहीं, एक किलो नींबू की बात करें तो दाम 300 से 400 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। एक महीने पहले कीमत 70-80 रुपए थी। यानी, दाम करीब 6 गुना बढ़ चुके हैं।

नींबू के अचानक भाव क्यों बढ़े इसे जानने के लिए भास्कर से देवेंद्र गोस्वामी और प्रशांत गुप्ता आंध्र प्रदेश में देश की सबसे बड़ी नींबू मंडी ईल्लूर पहुंचे। वहीं अहमदाबाद की सबसे बड़ी सब्जी मंडी जमालपुर और कालूपुर से जानकारी इकट्ठी की अनिरुद्ध मकवाणा ने। राजस्थान की मुहाना मंडी में स्मित पालीवाल पहुंचे। इसमें सामने आया कि नींबू के भाव बढ़ने के 4 बड़े कारण है। देशभर में 40-45% नींबू की सप्लाई आंध्र प्रदेश की ईल्लूर मंडी से होती है। तिरुपति जिले की गुडूर मंडी से भी लगभग इतनी ही आपूर्ति की जाती है। शेष 10% सप्लाई तेलानी, राजमुंदरी मंडियों से होती है। ईल्लूर मंडी में 20 हजार से ज्यादा नींबू उत्पादन करने वाले किसान रजिस्टर्ड हैं। सामान्य सीजन में यहां से रोज 25 ट्रक (एक ट्रक में 21 टन) की सप्लाई पूरे देश में होती है। मगर अभी मुश्किल से 5 ट्रक, यानी 5 गुना कम सप्लाई हो पा रही है।

पिछले दो साल में नींबू किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इसकी वजह कोरोना महामारी है। ईल्लूर में 5 हेक्टेयर में नींबू की खेती करने वाले किसान ए. निरंजन ने बताया कि कोरोना काल में नींबू अच्छा हुआ, पर बाजार नहीं खुले। वहीं, पिछले साल दिसंबर में हुई बारिश ने फसल को भारी नुकसान पहुंचाया। ऐसे में सप्लाई कम हो गई और एक ट्रक नींबू जो पहले 5 लाख रुपए में मिलता था, वो अब 31 लाख रु. में मिल रहा है। नींबू के लिए आंध्र की मिट्‌टी सबसे अच्छी है। इसे लगातार पानी की जरूरत नहीं होती। पौधा 3-4 साल में फल देना शुरू करता है और अगले 5 साल तक सिर्फ खाद और जरूरत भर का पानी इसे जीवित रखता है और ये नींबू देता रहता है।


दक्षिण गुजरात के किसान 100 से 120 रुपए प्रति किलो में थोक व्यापारियों को नींबू बेचते हैं। जब माल अहमदाबाद में उतरता है तो अर्ध-थोक विक्रेताओं को ये 140 से 160 रुपए में मिलता हैं। बाजार से बाहर बड़े व्यापारियों तक पहुंचते-पहुंचते कीमत 180 से 200 रुपए किलो तक हो जाती है। छोटी दुकानों और सब्जी बेचने वालों को ये 200 से 250 रुपए में मिलता है और आम आदमी तक इसकी कीमत 300-400 रुपए हो जाती है।

मुहाना सब्जी मंडी के अध्यक्ष राहुल तवंर ने बताया कि पिछले साल आए ताऊ-ते तूफान से देशभर में 60% नींबू की फसल चौपट हो गई थी। इस वजह से पिछले सालों के मुकाबले नींबू की सप्लाई काफी कम हो रही है। वहीं डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमत ने भी नींबू की लागत को बढ़ा दिया है। नींबू किसान रामजीलाल ने बताया कि बारिश के बाद जब राजस्थान में नींबू उगने लगेगा तो यहां अपने आप ही दामों में गिरावट आ जाएगी।

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