उज्जैन। शहर के शिप्रा घाट किनारे शिप्रा को शुद्ध करने के लिए धरने पर बैठे साधु समाज से मिलने उच्च अधिकारी मिलने पहुंचे जिन्होंने संतों से धरना खत्म करने का आह्वान किया इस पर संतों ने अधिकारियों से लिखित में जल्द ही शिप्रा शुद्ध करने के लिए आश्वाशन देने को कहा।
उज्जैन के 13 अखाड़ों के संग शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर पिछले कई सालों से प्रयास कर रहे हैं। शिप्रा शुद्ध नहीं होने पर साधु संतों को शिप्रा किनारे धरने पर बैठना पड़ा यह धरना अनिश्चितकालीन बताया जा रहा है धरने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन के अपर कलेक्टर , निगम कमिश्नर एसडीएम साधु संतों को मनाने के लिए घाट पर पहुंचे। साधु संतों को समझाने का प्रयास काफी देर तक किया। लेकिन संतो ने 1 टूक में कहा कि सबसे पहले लिखित में आश्वासन दिया जाए कि जल्द ही शिप्रा को शुद्ध किया जाएगा। उसके बाद ही धरना समाप्त किया जाएगा। जनता के ₹90 करोड़ रूपए लगाकर खान डायवर्सन किया गया था बावजूद इसके शिप्रा में खान नदी का दूषित जल मिल रहा है। संतो के धरने पर उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि उज्जैन का सीवर जो शिप्रा में मिला करता था उसके लिए कई पंपिंग स्टेशन बनाए गए हैं ताकि नालों का पानी शिप्रा में नहीं मिल सके।
तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार भी धरने में शामिल हुए। उन्होंने कहा विधानसभा में शिप्रा को लेकर प्रश्न लगाया है, विधानसभा सत्र शुरू होते ही यह मामला उठाया जाएगा।
उज्जैन से मृदुभाषी के लिए मृदुभाषी के लिए अमृत बैंडवाल की रिपोर्ट।