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ड्रग्स स्मगलिंग, खनन, अवैध उगाही, इस तरह होती है तालिबान की कमाई

नई दिल्ली। करीब 20 साल तक आतंक के खिलाफ लड़ाई के बाद अमेरिका ने जैसे ही अपना सैन्य बल अफगानिस्तान से हटाने की घोषणा की, तालिबान तेजी से वहां सक्रिय हो गया। आज आलम यह है कि अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन है। दुनिया के तमाम देश इसको लेकर हैरान हैं कि तालिबान ने आखिर कैसे इतनी तेजी से अफगान फतह किया। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है पिछले 20 साल में तालिबान की तैयारी। अमेरिकी और नाटो फोर्सेज की अफगानिस्तान में मौजूदगी के बीच तालिबान चुपचाप अपने आपको आर्थिक रूप से मजबूत बनाता रहा। आइए जानते हैं कितनी है तालिबान की वर्तमान कमाई और क्या है उसकी कमाई का जरिया?

गैर-कानूनी गतिविधियां हैं कमाई का जरिया

एक रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान को सालाना 30 करोड़ डॉलर से लेकर 1.6 अरब डॉलर तक मिलते हैं। संयुक्त राष्ट्र की जून 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान को अधिकतर पैसा गैर-कानूनी गतिविधियों से मिलता है। तालिबान वसूली और किडनैपिंग से मोटी कमाई करता है। यूएन की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ड्रग तस्करी से अकेले 46 करोड़ डॉलर कमाता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने पिछले साल खनन जैसे प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण करके 46.4 करोड़ डॉलर कमाए थे। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, तालिबान को वर्षों से रूस से पैसा, हथियार और ट्रेनिंग मिल रही है।

फोर्ब्स की लिस्ट में भी बना चुका है जगह

2016 में तालिबान फोर्ब्स की टॉप 10 आतंकी संगठनों की लिस्ट में था। इस लिस्ट में आईसिस टॉप पर था और उसकी कमाई दो अरब अमेरिकी डॉलर थी। 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई के साथ तालिबान इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर था। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि तालिबान को पाकिस्तान से भी कुछ फंडिंग मिलती है। इसके अलावा, तालिबान की आय का मुख्य स्रोत ड्रग्स की अवैध तस्करी है। अफगानिस्तान में होने वाली दुनिया की 84% अफीम की खेती से मोटी रकम कमाता है। इसके अलावा वह अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी करता है।

यहां से इतनी कमाई

464 मिलियन डॉलर खनन से।
416 मिलियन डॉलर ड्रग्स की स्मगलिंग से।
240 मिलियन डॉलर विदेश से चंदा।
240 मिलियन डॉलर आयात से कमाई।
160 मिलियन डॉलर अवैध उगाही से।

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