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The India Story : देश में पांच साल में करीब 2 लाख 55 हजार लड़कियां लापता

The India Story

The India Story : फिल्म The Kerala Story केवल केरल की कहानी नहीं कही जा सकती। इस फिल्म पर सियासत करने वाले सियासतदान यदि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों पर नजर डालने की जहमत उठाएंगे तो पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाएगी।

The India Story : दरअसल 2017 से 2021 तक देश में करीब 2 लाख 55 हजार लड़कियां लापता हुईं हैं। यह गंभीर विषय है और इस पर काबू पाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है।

The India Story : मिलिंद बायवर – इस समय फिल्म The Kerala Story जितनी चर्चा में है, उतनी ही विवाद में। फिल्म केरल की लड़कियों के लापता होने के विषय पर बनी है। विवाद इस बात पर है कि फिल्म की कहानी में बताया गया है कि केरल से 32 हजार लड़कियां गायब कर दी गईं। कई लड़कियों का धर्मांतरण किया गया। कई को आईएसआईएस (isis) शासित सीरिया ले जाया गया।

The India Story : फिल्म की इस कहानी को विपक्षी दल चुनौती दे रहे हैं और इसे सियासत से प्रेरित बता रहे हैं। वहीं भाजपा इसे सच्ची कहानी बता रही है। वैसे पक्ष और विपक्ष केवल राजनीति कर रहे हैं। ऐसे में फिल्म से हटकर यदि पूरे देश की सच्चाई की बात की जाए तो पता चलता है कि देश में 2017 से 2021 तक कुल 3 लाख 40 हजार 418 लड़कियां और लड़के लापता हुए।

अधिकांश राज्यों में लड़के और लड़कियों के लापता होने की संख्या काफी ज्यादा है। इसमें भी लड़कों की तुलना में लड़कियों के लापता होने की संख्या बहुत ज्यादा है। सियासी दलों को इन आंकड़ों पर गौर करने की जरूरत है। यानी फिल्म से हटकर धरातल पर आने की जरूरत है। ये आंकड़े हमारे नहीं, बल्कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी (NCRB) के हैं।

लापता होने वालों में 75 फीसदी लड़कियां:
The India Story : अभी तक एनसीआरबी की 2021 तक की रिपोर्ट उपलब्ध है। 2022 की रिपोर्ट आने वाली है। 2021 की एनसीआरबी की रिपोर्ट पर बहुत कम लोगों ने गौर किया होगा। वजह यह है कि विषय सामने नहीं आया तो मीडिया ने इसे हाईलाइट नहीं किया, लेकिन अब फिल्म The Kerala Story से विषय सामने आया है ,

तो जानें कि इस रिपोर्ट में लड़के-लड़कियों के लापता होने के जो आंकड़े दिए गए हैं, वे डराने वाले हैं। सबसे डरावनी बात यह है कि लापता होने वाले लड़के-लड़कियों में 75 फीसदी लड़कियां हैं। ये आंकड़े बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हैं। कहा नहीं जा सकता कि लापता हुई इन लड़कियों के साथ क्या हुआ। वे मानव तस्करी या देह व्यापार की शिकार हुईं या फिर लवजिहाद या आतंकवाद की।

चिंता की बात
The India Story : पांच साल में लापता होने वाले लड़के-लड़कियों की संख्या तीन लाख 40 हजार से ज्यादा है। यानी हर साल 68 हजार लड़के-लड़कियां लापता हो जाते हैं। चिंता की बात यह है कि ऐसे मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। देश में 2020 में जब कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा था तब भी 59,262 लड़के-लड़कियां गायब हो गए।

कुछ इलाके सीरिया, ईराक और अफगानिस्तान जैसे
The India Story : हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि भारत के कुछ क्षेत्रों में हालात सीरिया, ईराक और अफगानिस्तान जैसे हैं। इनमें राजस्थान के कुछ इलाके हैं। उदयपुर, डूंगरपुर और बांसवाड़ा के आदिवासी बहुल गांव। इन इलाकों में गरीबी और भुखमरी के चलते मानव तस्कर सक्रिय हैं। ये तस्कर इन इलाकों की लड़कियों की शादी तीन से चार गुना ज्यादा उम्र के लोगों से करवाने के बदले लाखों रुपए की कमाई कर लेते हैं। कमाई का कुछ हिस्सा लड़कियों के परिजन को भी दिया जाता है।

राजस्थान के आदिवासियों ने चलाया आंदोलन
The India Story : राजस्थान के आदिवासी बहुल गांवों से लड़कियों को बेचे जाने के विराध में आदिवासियों ने आंदोलन भी चलाया है। आदिवासी संघर्ष समिति का कहना है कि राजस्थान से काम के लिए गुजरात जाने वाली लड़कियों को दलाल 10 से 12 लाख रुपए में बेच देते हैं और परिजन को 40-50 हजार रुपए दे देते हैं। इन लड़कियों की की घर वापसी को लेकर आदिवासी संघर्ष समिति ने अभियान छेड़ दिया है।

आरपीएफ ने देशभर में 750 एएचटीयू बनाए

The India Story : ट्रेनों का नेटवर्क पूरे देश में फैला है। इसलिए आज भी मानव तस्करी के लिए तस्कर ट्रेनों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। आरपीएफ भोपाल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्तबीराम कृष्णा ने बताया कि आरपीएफ ने देशभर में 750 एएचटीयू यानी एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की स्थापना की है। इन एएचटीयू का काम पुलिस, थानों की एएचटीयू, खुफिया एजेंसियों, मानव तस्करी को रोकने काम कर रहे एनजीओ के साथ समन्वय कर ट्रेनों के जरिये होने वाली मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करना है।

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