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वैक्सीन लगवा चुके लोगों से ज्यादा मजबूत है कोविड संक्रमित हो चुके लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता, रिसर्च में हुआ खुलासा

Corona Vaccine: देश में कोरोना का खौफ अब खत्म होने की और अग्रसर है। धीरे- धीरे हालात सामान्य होते जा रहे हैं। देश में कोरोना के मामले पहले के मुकाबले कम हुए हैं। अब सरकार का पूरा ध्यान अपनी बड़ी आबादी के वैक्सीनेशन पर है। कोरोना के दूसरी लहर में हुई मौतौं से सबक लेते हुए सरकार अब तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में लग गई है और कोशिश है कि तीसरी लहर यदि आए भी तो इसका असर घातक ना हो। कोरोना का टीका कितना असरकारक है इस पर काफी चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।

वैक्सीनेशन है काफी असरकारक

कोरोना वायरस और वैक्सीन पर कई रिसर्च हो रहे हैं और वैक्सीन को लेकर सकारात्मक नतीजे भी मिल रहे हैं। एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि कोविड -19 संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों में एंटीबॉडी और इम्यून मेमोरी छह महीने से एक साल तक बनी रहती है, और वैक्सीनेशन होने पर वे और भी ज्यादा सुरक्षित हो जाते हैं।

रॉकफेलर यूनिवर्सिटी ने किया रिसर्च

रॉकफेलर यूनिवर्सिटी और न्यूयॉर्क में वेइल कॉर्नेल मेडिसिन की एक टीम ने रिसर्च के बाद सोमवार को बताया कि संक्रमित लोगों को कोरोना का खतरा काफी कम हो जाता है। रिसर्चर ने 63 ऐसे लोगों पर रिसर्च किया जो संक्रमण से 1.3 महीने, 6 महीने और 12 महीने पहले स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें से 26 यानी 41 फीसदी को फाइजर-बायोएनटेक या मॉडर्न वैक्सीन की एक खुराक मिली। इससे पता लगा है कि Sars-Cov-2 की इम्यूनिटी लंबी हो सकती है।

रिसर्च में पता चला है कि वैक्सीनेसन वायरस को बेअसर कर रहे हैं। इससे एंटीबॉडी इतनी बढ़ जा रही है कि कोरोना के गंभीर वैरिएंट को भी मात दे रहे है। टीकाकरण के बाद प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया काफी मजबूत हो जाती है।

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