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खरगोन स्थित महेश्वर बांध के गेट टूटने का खतरा, डूब जाएंगे 25 गांव, जान बचाकर भाग रहे लोग

खरगोन। मध्य प्रदेश में बारिश का दौर रुक रुककर जारी है। इस बार बरसात ने प्रदेशभर में डैम निर्माण और रखरखाव में हुई लापरवाहियों को उजागर कर दिया है। अब खरगोन में नर्मदा नदी पर बने महेश्वर बांध के गेट टूटकर गिरने की आशंका है। यदि ऐसा होता है तो आसपास के 25 गांवों में जलप्रलय आ जाएगा।  हालांकि, नए सिस्टम से इंदौर-उज्जैन संभाग समेत अन्य जगह रिमझिम बारिश होगी। जबकि भोपाल-नर्मदापुरम में तेज बारिश होगी। यह सिस्टम 31 अगस्त तक एक्टिव रहेगा। मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया, नए सिस्टम से भारी बारिश होने के आसार नहीं हैं।

प्रदेश में 22-23 अगस्त को हुई मूसलाधार बारिश का असर अब भी कई जिलों में देखा जा रहा है। मुरैना में 26 साल बाद चंबल का रौद्र रूप देखने को मिला है। लोग घरों की छतों और पहाड़ियों में फंसे हुए हैं। उनको एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर से भी रेस्क्यू किया गया। अभी तक भिंड, मुरैना और श्योपुर के 60 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। 9 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।

मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह के अनुसार- बारिश का नया सिस्टम पूर्वी मध्यप्रदेश से एक्टिव होगा। 26 अगस्त को पूर्वी मध्यप्रदेश और इसके बाद अन्य हिस्सों में बारिश होगी। 27 अगस्त को भोपाल, नर्मदापुरम संभाग में तेज बारिश की संभावना है। हालांकि, बारिश का दौर लगातार चल रही है। गुरुवार को कुछ समय के लिए बारिश हुई। बुधवार रात में भोपाल में करीब आधा घंटा तेज बारिश हुई थी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को बाढ़ के हालातों की समीक्षा की। रायसेन, विदिशा, गुना, सीहोर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, भिंड, मुरैना, राजगढ़ समेत अन्य जिलों में फसलों के नुकसानी पर भी उन्होंने बात की और उचित सर्वे कर राहत राशि देने की बात कही। अधिकारियों ने सीएम को बताया कि मुरैना में अब चंबल का जलस्तर स्थिर हो गया है, पानी तेजी से घट रहा है। विदिशा में बेतवा अब खतरे के निशान से 13 फीट नीचे बह रही है। सिल्ट हटाने का काम, दवाइयों का छिड़काव, शुद्ध पानी की व्यवस्था, पावर सप्लाई का काम तेजी से चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर बिजली बहाली का काम किया जा रहा है। मृत पशुओं के निस्तारण और मलबा हटाने का काम जारी है। विदिशा का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अभी डूबा है। ग्रामीण नल-जल योजनाएं 60 प्रभावित थीं, जो सभी दुरुस्त हो चुकी हैं। श्योपुर के कुछ डूब प्रभावित क्षेत्रों में दिक्कत है, लेकिन काम तेजी से जारी है। डैमेज पुल-पुलिया की मरम्मत का कार्य आज से शुरू हो गया है।

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