भोपाल. बारिश और जिम्मेदारों की लापरवाही ने शहरवासियों को परेशान कर रखा है। इस लापरवाही का खामियाज़ा अब स्कूल में पढ़ रहे मासूम बच्चों को भी उठाना पड़ रहा है। भोपाल में विद्या का मंदिर टापू में तब्दील होता हुए दिखाई दे रहा है।
अगर आपको अपने बच्चों को स्कूल भेजना है तो उन्हें तैरना जरूर सिखाएं क्योंकि यह तस्वीर-ए-हाल बयां करती है कि बच्चों में तैरने का हुनर होना चाहिए। ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई बिना किसी बाधा के निरंतर जारी रख सकें। टापू बना यह भोपाल का सरकारी स्कूल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहाने को मजबूर है। जाहिर है यहां पढ़ने वाले बच्चे भी हालात के सताए हुए हैं। बच्चे इस पानी से भरे स्कूल में पढ़ने को मजबूर हैं।
स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि बीती रात हुई जोरदार बारिश से यहां यह हालात बने हैं जिसको लेकर उन्होंने नगर निगम को पत्र लिखकर जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए आवेदन दिया है। हाल ही में चरणबद्ध तरीके से बच्चों के स्कूल खुलना का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है बच्चों की पढ़ाई को सामन्य रूप से सुचारू करने के लिए स्कूल खोले गए हैं, लेकिन स्कूलों की क्या व्यवस्था है यह साफ दिख रही है।
परिसर में भरा पानी ना जाने कितनी बीमारियों का घर हो सकता है। अगर ज्यादा समय तक पानी भरा रहता है तो उससे डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। अब देखना है जिम्मेदार इस मामले में क्या कार्रवाई करते है।
भोपाल से मृदुभाषी के लिए मोहम्मद ताहिर खान की रिपोर्ट