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पूर्वी लद्दाख से पीछे हटीं भारत और चीन की सेनाएं, सेना ने की पुष्टि

नई दिल्ली। नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में करीब 28 महीने से भारत और चीन की सेनाओं के बीच जारी तनातनी अब घटने के आसार बन रहे हंै। पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग और गोगरा के पेट्रोलिंग पॉइंट 15 से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई है। इस बात की पुष्टि सेना और सेटेलाइट इमेज के जरिये भी हुई है। अस्थाई निर्माण और बंकर तोड़ दिए गए हैं। इस बात की पुष्टि दोनों देशों के लोकल कमांडरों ने जमीनी स्तर पर जायजा लेने के बाद की है। सेना के सूत्रों ने पीपी15 से सैनिकों के हटने के बारे में कहा कि दोनों पक्षों ने चरणबद्ध और समन्वित तरीके से क्षेत्र से हटने का काम पूरा कर लिया है। दोनों देशों की सेनाएं अब अप्रैल 2020 वाली जगह पर पहुंच गई है हालांकि सीमा पर करीब दो साल पहले हुए तनाव के बाद अभी भी दोनों देशों के 50,000 से ज्यादा सैनिकों का जमावड़ा बना हुआ है।

इससे पहले भारत और चीन की सेनाएं विवाद वाली जगह गलवान, पेगोंग लेक के उत्तरी और दक्षिणी इलाके से पीछे लौट गई है । हलांकि कई जगहों पर अब भी दोनों देशों की सेनाएं पेट्रोलिंग के लिए पहले वाली जगह तक नही जा रही है । सेना आमने सामने ना आए इसके लिए बफर जोेन बनाया गया है ताकि दोनों देशों की सेना आमने सामने के तनाव से बच सके। अब कह सकते है दोनों देश की सेनाएं अप्रैल 2020 वाली जगह पर पहुंच गए हंै। सेना के मुताबिक अब चीन से बातचीत डेमचौक और देपसांग को लेकर होगी जिसको लेकर जमी बर्फ नही पिघली है। यह विवाद गलवान के पहले का है ।

आठ सितंबर को शुरू हुई थी सेना वापसी की प्रक्रिया

भारत और चीन के सैनिकों की पीपी-15 से पीछे हटने की प्रक्रिया आठ सितंबर से शुरू हुई थी। हाल ही में चीन की सेना ने घोषणा की थी कि उसने गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स पेट्रोलिंग पॉइंट 15 से हटना शुरू कर दिया है, जिसके एक दिन बाद नौ सितंबर को विदेश मंत्रालय की ओर से इस बारे में टिप्पणी की गई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि समझौते के अनुसार, इस क्षेत्र में वापसी की प्रक्रिया 8 सितंबर को सुबह 8:30 बजे शुरू हुई और 12 सितंबर तक पूरी हो जाएगी।

गलवान में 2020 की रात हुई थी हिंसक झड़प

गौतरलब है कि पांच मई, 2020 को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हो गया था। यह झड़प उस वक्त हुई थी जब चीनी सैनिक लद्दाख सेक्टर में भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे थे। इसके बाद दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में धीरे-धीरे भारी हथियारों से लैस हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी थी। तब से भारत-चीन के सैनिकों को पैट्रोलिंग पॉइंट 15 के पास एक दूसरे के विपरीत तैनात किया गया है। अब भारत और चीन ने पैंगोंग त्सो लेक के दोनों किनारों से सैनिकों को हटा भी चुके हैं।

शंघाई में होगी पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात

इस हफ्ते शंघाई सहयोग संगठन की बैठक होने जा रही है। ये शिखर सम्मेलन 15 सितंबर से उज्बेकिस्तान में होगा। इस बैठक में पीएम मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन में मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। मंगलवार को समाचार ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय से शी की योजनाओं के बारे में पूछा गया। इस बारे में चीन के विदेश मंत्रालय ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

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