चमोली। उत्तराखण्ड के चमोली जिले में राहत और बचाव का कार्य जारी है. तपोवन पॉवर प्रोजेक्ट की सुरंग में फंसे हुए 34 मजदूरों को निकालने की कोशिश अभी भी जारी है. टनल के एक ओर से सेना और आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य मे लगे है. मंगलवार शाम से सुरंग की दूसरी ओर से वायुसेना के विशेष दस्ते ने सुरंग दूसरा में रास्ता बनाये जाने का काम भी शुरू किया गया है. वहीं. ग्लेशियर टूटने से आए जल प्रलय से ऋषि गंगा और तपोवन पावर प्रोजेक्ट में बह गए करीब दो सौ लोगो को खोज रही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने अभी तक 32 शव बरामद किए हैं, जिनमें दो पुलिस कर्मी भी शामिल है.
11 गावों का संपंर्क है टूटा हुआ
आपदा में लापता लोगो में से ज्यादातर उत्तर प्रदेश के हैं। इसलिए लापता लोगों की परिजनों की मदद के लिए सरकार ने हरिद्वार में एक कंट्रोल रूम बनाया है, जहां सीएम योगी ने तीन मंत्रियों को नियुक्त किया है, जो हालात पर नजर बनाए हुए है और उत्तराखण्ड सरकार से सतत संपर्क में है. तपोवन से आगे नीति घाटी को जाने वाली सड़क और पुलों की मरम्मत का काम सीमा सड़क संगठन ने प्रारंभ कर दिया है. घाटी के 11 गांवों का संपर्क पुलों के बह जाने से टूट गया है। इन गांवों में आईटीबीपी और वायुसेना के जरिये रसद पहुंचाई जा रही है.
झूलते ग्लेशियर से हुआ हादसा
आपदा के संबंध में वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालय जियोलॉजी के विज्ञानियों का प्रारंभिक आकलन यह है कि आकस्मिक बाढ़ झूलते ग्लेशियर के ढह जाने की वजह से आयी थी। झूलता हुआ ग्लेशियर एक ऐसा हिमखंड होता है जो तीव्र ढलान के एक छोर से अचानक टूट कर गिर जाता है।