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Taliban: 2000 साल पुराने बैक्ट्रियन गोल्ड खजाने की खोज में जुटा तालिबान

अफगानिस्तान: मुल्क में कट्टरवाद के नाम पर कई अनमोल विरासतों को जमीदोज कर चुके तालिबान को अब देश की अनमोल धरोहर की याद आ रही है और वह उसकी तलाशी का अभियान शुरू कर चुका है। तालिबान अब 2000 साल पुराने बैक्ट्रियन गोल्ड के खजाने को सुरक्षित करने की कोशिशों में लगा हुआ है।

तेला तापा में मिला था खजाना

अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद अब तालिबान का ध्यान दे्श के बेशकीमती खजाने पर गया है। अब तालिबान देश के बैक्ट्रियन गोल्ड खजाने की खोज में जुट गया है। तालिबान के सूचना और संस्कृति मंत्रालय ने कहा है कि उन्होंने बैक्ट्रियन खजाने का पता लगाने की कोशिश शुरू कर दी हैं। बैक्ट्रियन खजाने को बैक्ट्रियन गोल्ड के नाम से भी जाना जाता है। इसको चार दशक पहले उत्तरी जवज्जन प्रांत के शेरबर्गन जिले के तेला तापा इलाके में खोजा गया था। टोलो न्यूज के मुताबिक, तालिबान के अंतरिम कैबिनेट के सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्ला वासीक ने कहा कि उन्होंने संबंधित विभागों को बैक्ट्रियन खजाने की खोजबीन करने और उसकी जांच का जिम्मा सौंपा है।

सोना और बेशकीमती रत्न हैं शामिल

सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्ला वासीक ने कहा कि इस मसले की जांच चल रही है और हम यह जानने में लगे हुए हैं कि आखिर खजाना असल में कहां है। यदि उसको अफगानिस्तान से बाहर ले जाया गया है तो यह देशद्रोह का मामला है। यदि देश की धरोहर मुल्क से बाहर गई है तो सरकार गंभीर कार्रवाई करेगी। नेशनल ज्योग्राफिक के अनुसार, बैक्ट्रियन खजाने में पहली शताब्दी ईसा पूर्व से पहली शताब्दी ईस्वी तक छह कब्रों के अंदर पाए गए हजारों सोने के टुकड़े हैं। इन कब्रों में सोने की अंगूठियां, सिक्के, हथियार, झुमके, कंगन, हार, हथियार और मुकुट शामिल है, जिनको फ़िरोज़ा, कारेलियन और लैपिस लाजुली जैसे कीमती पत्थरों से तैयार किया गया था। नेशनल ज्योग्राफिक के मुताबिक विशेषज्ञों का कहना है कि ये कब्रें छह अमीर एशियाई खानाबदोशों की थी, जिनमें पांच महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं।

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