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तालिबान का पंजशीर पर कब्जे का दावा, अमरुल्ला सालेह ने किया खंडन

Taliban: अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर काबिज होने के बाद अब तालिबान ने दावा किया है कि उसने पंजशीर पर भी कब्जा जमा लिया है। शुक्रवार को इस बात का दावा करते हुए तालिबान ने कहा कि खुद को अफगान का राष्ट्रपति घोषित करने वाले अमरुल्ला सालेह भी पंजशीर से भाग गए हैं। हालांकि अमरुल्ला सालेह ने तालिबान के दावे का खंडन किया है।

पंजशीर पर कब्जे की जंग

पंजशीर में तालिबान और रेसिस्टेंस फोर्स के कमांडरों के बीच जमकर घमासान हो रहा है। तालिबान के पंजशीर पर कब्जे के दावे के बीच अमरुल्लाह सालेह खुद एक वीडियो के जरिए सामने आए हैं और उन्होंने कहा कि वह देश छोड़कर भागे नहीं हैं। वह अभी पंजशीर घाटी में ही हैं और रेसिस्टेंस फोर्स के कमांडर उनके साथ हैं। पंजशीर पर तालिबान के ब्जे को लेकर उन्होंने कहा कि पिछले चार से पांच दिनों से तालिबान और अन्य बलों द्वारा हमला किया जा रहा है, लेकिन पंजशीर के लड़ाके उनको जबर्दस्त टक्कर दे रहे हैं। तालिबान ने पंजशीर के किसी भी हिस्से पर कब्जा नहीं किया है। तालिबान कब्जे की अफवाह फैला रहा है।

अशरफ गनी ने की शांति की अपील

तालिबान के हमले को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक बेहद कठिन स्थिति है, लेकिन ज्यादातर हिस्सों पर हमारा कब्जा बना हुआ है। हमारे ऊपर तालिबान, पाकिस्तानियों, अल कायदा और अन्य आतंकवादी समूहों के आक्रमण हो रहे हैं। तालिबान ने हमले तेज किए हैं, लेकिन वह कामयाब नहीं हुआ है। दोनों पक्षों के कुछ लोग हताहत हुए हैं। इससे पहले समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दावा किया था कि तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। पंजशीर में इस वक्त भीषण लड़ाई चल रही है। पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने दोनों पक्षों से शांति की अपील की है।

गौरतलब है कि 1996 से 2001 के बीच जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था, तब भी वह पंजशीर पर कब्जा नहीं कर पाया था। उस वक्त शेर ए पंजशीर कहे जाने वाले अहमद मसूद ने नॉर्दर्न अलायंस बनाया था, जिसे कई देशों से मदद मिलती थी।

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