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तालिबान सुप्रीमो अखुंदजादा पहली बार दुनिया के सामने आया, मौत की खबर निकली अफवाह

काबुल। 5 साल से परदे के पीछे रहकर अपने आतंकी संगठन को ताकतवर बना रहा तालिबान सुप्रीम लीडर मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा पहली बार दुनिया के सामने आया। अखुंदजादा ने तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर की ड्रोन हमले में मौत के बाद 2016 में संगठन के सर्वोच्च मुखिया का पद संभाला था। तालिबान अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अखुंदजादा ने दक्षिणी अफगान शहर कंधार में आम जनता में मौजूद अपने समर्थकों से मुलाकात की और उन्हें संबोधित भी किया।

चल रही थी मौत की अफवाहें

तालिबान के अगस्त में काबुल पर कब्जा कर लेने के बाद भी अब तक अखुंदजादा दुनिया के सामने नहीं आया था। यहां तक कि अमेरिका, रूस आदि देशों के साथ तालिबान की बातचीत में भी अखुंदजादा ने कभी शिरकत नहीं की थी। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद संगठन के अंदर सरकार गठन में प्रभुत्व को लेकर आपसी अनबन की खबरें सामने आई थीं। इन खबरों के बाद भी अखुंदजादा के सामने नहीं आने से उसकी मौत की अफवाह उड़ रही थी।

दारूल उलूम मदरसे के कार्यक्रम में पहुंचा

तालिबान अधिकारियों के मुताबिक, सुप्रीम लीडर ने शनिवार को कंधार के दारूल उलूम हकीमाह मदरसे के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। जहां उसने अपने लड़ाकों और समर्थकों को संबोधित भी किया। तालिबान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अखुंदजादा के इस कार्यक्रम में भाग लेने का कोई फोटो या वीडियो साझा नहीं किया है, लेकिन अखुंदजादा की स्पीच का 10 मिनट का ऑडियो अपलोड किया गया है। तालिबान ने कहा है कि मदरसे के कार्यक्रम में बेहद टाइट सिक्योरिटी का इंतजाम किया गया था और सुरक्षा कारणों से ही किसी को भी अखुंदजादा का फोटो या वीडियो नहीं लेने दिया गया।

पॉलिटिकल नहीं, धार्मिक रही पूरी स्पीच

तालिबान के सोशल मीडिया अकाउंट पर खुद को अमीरूल मोमीनेन या कमांडर ऑफ फेथफुल कहलाने वाले अखुंदजादा की जो स्पीच अपलोड की गई है, उसमें अफगान या वर्ल्ड पॉलिटिक्स पर उसने कोई बात नहीं की। उसकी पूरी स्पीच धर्म पर आधारित रही। उसने तालिबान के मारे गए लड़ाकों के लिए प्रार्थना की और इस्लामी अमीरात की सफलता को अपने अधिकारियों के लिए सबसे बड़ा टेस्ट बताया।

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