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स्वेदशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत बनकर तैयार, स्वतंत्रता दिवस पर नौसेना में होगा शामिल

नई दिल्ली। INS Vikrant: भारत (India) का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (Aircraft Carrier), आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) अगले महीने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर भारतीय नौसेना (Indian Navy) के जंगी बेड़े में शामिल हो जाएगा. दूसरे विमानवाहक युद्धपोत से समंदर में भारत की ताकत में एक बड़ा इजाफा हो जाएगा. इसके साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है जिनके पास एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने की क्षमता है.

मंगलवार को भारतीय नौसेना के सह-प्रमुख (वाइस चीफ), वाइस एडमिरल एस एन घोरमाडे ने बताया कि इंडिजिनेस एयरक्राफ्ट कैरियर (आईएसी) विक्रांत 15 अगस्त के करीब पूरी तरह से तैयार होकर इंडियन नेवी के जंगी बेड़े में शामिल हो जाएगा. इस साल 15 अगस्त पर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. ऐसे में देश का सबसे ताकतवर जंगी जहाज, आईएसी विक्रांत भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएगा. नौसेना में शामिल होने पर आईएसी विक्रांत को आईएनएस (इंडियन नेवल शिप) विक्रांत के नाम से जाना जाएगा

स्वदेशी एयक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के चौथे चरण का समुद्री परीक्षण आज सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। इस दौरान आॅन बोर्ड एविएशन फैसिलिटी सहित सभी इक्विपमेंट को विभिन्न परिस्थितियों और चुनौतियों के मुताबिक परखा गया। भारतीय नौसेना ने यह जानकारी दी। नौसेना ने बताया कि एयरक्राफ्ट कैरियर की डिलीवरी को इस महीने के अंत के लिए लक्षित किया जा रहा है, इसके बाद अगस्त 2022 में आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में इसकी कमीशनिंग की जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में डिजाइन और निर्मित हुए एयरक्राफ्ट कैरियर को भारतीय नौसेना और कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने मिलकर पूरा किया है। एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत को बनाने में कोचिन सिपयार्ड लिमिटेड के 2000 कर्मचारियों को मौका मिला और इससे जुड़ी हुई अलग-अलग कंपनियों के 12,000 प्रोफेशनल को काम मिला। इसलिए इसे आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इन इंडिया का उदाहरण माना जा रहा है।

एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत के पहले समुद्री परीक्षण अगस्त 2021 में सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए थे। इसके बाद अक्टूबर 2021 में दूसरे और जनवरी 2022 में तीसरे समुद्री परीक्षण भी पूरे कर लिए गए थे। विक्रांत के शामिल होने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा होगा। एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत में 14 डेक यानी 14 मंजिलें हैं। इसका वजन 40000 टन है और इस पर 30 से 40 एयरक्राफ्ट को प्लेस किया जा सकता है। इसकी लंबाई की बात करें तो यह 262 मीटर लंबा है और 59 मीटर ऊंचा है। विक्रांत के भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद नौसेना के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर हो जाएंगे।

लड़ाकू विमान समेत मल्टी रोल हेलीकॉप्टर का होगा संचालन

भारत के इस स्वदेशी विमान वाहक के जरिए मिग-29 लड़ाकू विमान, कोमोव-31 हेलीकॉप्टर, एमएच-60 आर मल्टी रोल हेलीकॉप्टर और स्वदेशी उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर का संचालन करेगा। इसका नाम 1961 से 1997 तक नौसेना द्वारा संचालित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के नाम पर रखा गया है जो कि अब रिटायर हो चुका है।

फिलहाल भारत में एक ही है विमान वाहक पोत

भारत वर्तमान में अकेला विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रमादित्य संचालित करता है, जिसे रूस से 2.33 अरब डॉलर में खरीदा गया था। वहीं, पड़ोसी देश चीन दो विमान वाहक उश्-16 लियाओनिंग और उश्-17 शेडोंग संचालित करता है। इसके अलावा हिंद महासागर में अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए तीसरे विमान वाहक का निर्माण कर रहा है। विक्रांत के निर्माण में 76 फीसदी सामान भारत के हैं। इस विमान वाहक पोत का निर्माण साल 2009 में शुरू हुआ था।

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