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सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, पिता की स्वअर्जित संपत्ति में मिलेगा बेटी को हक

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि बिना वसीयत के मृत हिंदू पुरुष की बेटियां पिता की स्व-अर्जित और अन्य संपत्ति पाने की हकदार होंगी और उन्हें परिवार के अन्य सदस्यों की अपेक्षा वरीयता मिलेगी।

पिता की संपत्ति पर बेटी का अधिकार

शीर्ष अदालत ने यह फैसला मद्रास उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर दिया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि वसीयत के बिना मृत किसी हिंदू पुरुष की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति चाहे वह स्व-अर्जित संपत्ति हो या पारिवारिक संपत्ति के विभाजन में मिली हो, उसका उत्तराधिकारियों के बीच समान वितरण होगा। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने यह फैसला दिया है।

खंडपीठ ने दिया फैसला

याचिका हिंदू उत्तराधिकार कानून के तहत हिंदू महिलाओं और विधवाओं को संपत्ति अधिकारों से संबंधित थी। पीठ किसी अन्य कानूनी उत्तराधिकारी की गैरमौजूदगी में बेटी को अपने पिता की स्व-अर्जित संपत्ति को लेने के अधिकार से संबंधित कानूनी मुद्दे पर विचार कर रही थी। न्यायमूर्ति मुरारी ने पीठ के लिए 51 पन्नों का फैसला लिखते हुए इस सवाल पर भी गौर किया कि क्या ऐसी संपत्ति पिता की मृत्यु के बाद बेटी को मिलेगी जिनकी वसीयत तैयार किए बिना मृत्यु हो गयी और उनका कोई अन्य कानूनी उत्तराधिकारी नहीं हो।

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