Mradhubhashi
Search
Close this search box.

केंद्र सरकार पर भड़का सुप्रीम कोर्ट : सीलबंद लिफाफे में जवाब देने का चलन बंद करे सरकार, गोपनीय क्या है?

केंद्र सरकार पर भड़का सुप्रीम कोर्ट : सीलबंद लिफाफे में जवाब देने का चलन बंद करे सरकार, गोपनीय क्या है?

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के तहत पूर्व सैन्य कर्मियों को बकाये का भुगतान करने के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा सीलबंद लिफाफे में दिए गए जवाब को स्वीकार करने से सोमवार को इनकार कर दिया।

अदालत ने कहा कि केंद्र्र सरकार ओआरओपी योजना के संदर्भ में 2022 के फैसले का पालन करने के लिए बाध्य है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश देते हुए कहा कि छह लाख पेंशनभोगी परिवार और वीरता पदक विजेताओं को 30 अप्रैल तक ओआरओपी के बकाये का भुगतान किया जाए। वहीं सत्तर वर्ष और उससे अधिक आयु के सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों को इस साल 30 जून तक एक या उससे अधिक किस्तों में ओआरओपी के बकाये का भुगतान किया जाए।

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में जवाब दिए जाने के चलन पर रोक लगाने की जरूरत है। यह मूल रूप से निष्पक्ष न्याय दिए जाने की बुनियादी प्रक्रिया के विपरीत है। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से सीलबंद लिफाफे में जवाब दिए जाने के खिलाफ हूं। अदालत में पारदर्शिता होनी चाहिए…यह आदेशों को अमल में लाने को लेकर है। इसमें गोपनीय क्या हो सकता है।

13 मार्च को भी की थी सरकार की खिंचाई:

पीठ फिलहाल ओआरओपी बकाये के भुगतान को लेकर इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट (आईईएसएम) की याचिका पर सुनवाई कर रही है। शीर्ष अदालत ने 13 मार्च को चार किस्तों में ओआरओपी बकाये का भुगतान करने के एकतरफा निर्णय के लिए सरकार की जमकर खिंचाई की थी। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में शीर्ष अदालत में एक हलफनामा और एक अनुपालन नोट दायर किया है, जिसमें पूर्व सैनिकों को 2019-22 के लिए 28,000 करोड़ रुपये के बकाए के भुगतान की समय सारिणी दी गई है।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट