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सूर्य की बेटी और शनिदेव की बहन का साया पड़ रहा रक्षा पर्व पर, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

इंदौर। इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा काल है,लेकिन मकर राशि की भद्रा का वास पाताललोक में है इसलिए इसका असर नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही इस बार दो दिन पूर्णिमा तिथि है। पहले दिन यदि राखी ना बांधी जा सके तो दूसरे दिन सुबह पूर्णिमा तिथि समाप्त होने से पहले बांधी जा सकेगी। ज्योतिषियों के अनुसार हरियाली अमावस के बाद से ही सनातन धर्मावलंबियों में श्रावण मास की पूर्णिमा यानी बहन-भाई के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन का इंतजार शुरू हो जाता है। इस बार पूर्णिमा 11 अगस्त गुरुवार को आ रही है। हालांकि इस बार शुभ कार्यों में अशुभ माने जाने वाली सूर्य की बेटी और शनिदेव की बहन भद्रा का साया रक्षा पर्व पर पड़ रहा है। इसके चलते भाई को बहन के हाथों कलाई पर स्नेह की डोर बंधवाने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। राखी शाम ढलने के बाद भद्रा के समाप्त होने के बाद बांधना शास्त्र सम्मत होगी।

एक मत यह भी

पंडित प्रदीप दुबे के अनुसार रक्षाबंधन पर 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 10.38 बजे शुरू होकर अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 7.05 बजे समाप्त होगी। रक्षाबंधन का पर्व अपरान्ह व्यापनी तिथि मनाया जाता है। अपरान्ह व्यापनी तिथि 11 अगस्त को रहेगी लेकिन पूर्णिमा तिथि के साथ भद्रा लगेगी जो रात 8.51 बजे तक रहेगी। भद्रा की पूंछ शाम 5.17 से 6.18 और मुख शाम 6.19 से रात 8 बजे तक रहेगी। हिंदू मान्यता के अनुसार भद्रा के समय राखी बांधना और होलिका दहन करना अनुचित माना गया है। हिंदू ग्रंथ व पुराण भद्रा के बाद राखी बांधने की बात कहते हैं। यदि अपरान्ह के समय भद्रा हो तो प्रदोषकाल में भी राखी बांधी जा सकती है। एक मत यह भी है कि भद्रा की पुंछ के दौरान रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा सकता है।

यह है शुभ तिथि

रक्षाबंधन की तारीख को लेकर भी काफी भ्रम है। कुछ लोगों का मानना है कि रक्षाबंधन गुरुवार 11 अगस्त को मनेगा, वहीं कुछ का दावा है कि यह शुक्रवार 12 अगस्त को मनाना शुभ होगा। द्रिक पंचांग का कहना है कि पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10.38 बजे शुरू होगी और 12 अगस्त को सुबह 7.05 बजे समाप्त होगी। हालांकि भद्रा भी लग रही है। पूर्णिमा के साथ जगह और पूर्णिमा तिथि के पहले भाग के दौरान प्रबल होगी।अत: रक्षाबंधन गुरुवार 11 अगस्त की शाम से शुरू होकर अगले दिन 12 अगस्त तक चलेगा। प्रदोष समय रक्षा बंधन मुहूर्त रात 8.51 बजे से शुरू होकर रात 9.13 बजे तक रहेगा। इसके अलावा 12 अगस्त को पूर्णिमा सुबह 07.16 बजे तक यानी उदयकालीन तिथि रहेगी। इसलिए इस दिन भी रक्षाबंधन मनाया जा सकता है। साथ ही राखी का पर्व भद्रा पंच के समय भी मनाया जा सकता है, जो 11 अगस्त को सायं 5.17 से सायं 6.18 बजे तक रहेगा।

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