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अतिक्रमण हटाने पहुंची निगम टीम पर पथराव, निगम इंजीनियर हुए घायल

उज्जैन।उज्जैन में कुछ लोगों ने नगर निगम और पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। नगर निगम जोन 2 की जूनियर इंजीनियर साधना चौधरी सिर और पैर में पत्थर लगने से घायल हो गईं। उन्हें जिला अस्पताल भेजा गया है। निगम और पुलिस की टीम आगर रोड स्थित नजर अली मिल कंपाउंड में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गए मकान को गिराने पहुंची थी। पुलिस ने मामले में 7 लोगों को हिरासत में लिया है।

सोमवार को उज्जैन के नजर अली कंपाउंड में नगर निगम द्वारा 100 फीट का एक अतिक्रमण हटाने के लिए टीम पहुंची थी। नगर निगम ने 20 बाय 20 का पट्टा इन लोगो को रहने के लिए दिया था। आरोपियों ने 100 बाय 100 पर अतिक्रमण कर रखा था। नगर निगम की टीम ने पहले तो मकान में रहने वालो को ही अतिक्रमण हटाने के लिए समझाइश दी, लेकिन जब रहवासी नहीं माने तो नगर निगम की टीम में जेसीबी चला दी। मकान में रहने वाले लोगो ने नगर निगम की कार्यवाही का विरोध किया। देखते ही देखते विवाद की स्थिति बन गई। जिसके बाद रहवासी और नगर निगम की टीम में झड़प हो गई। झड़प इतनी बड़ी की लोगो ने पथराव कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने पहले तो मामले को शांत कराया। लेकिन विवाद बढ़ता देख पुलिस ने आरोपियों को खदेड़ दिया। पुलिस ने 9 लोगों को हिरासत में लिया है। इस दौरान रहवासियों ने पथराव भी किया हैं। पत्थराव में नगर निगम की इंजीनियर सपना चैधरी घायल हुई है।

JCB जैसे ही आगे बढ़ी, लोगों ने हाथों में पत्थर उठा लिए।

निगम उपायुक्त सुबोध जैन ने बताया कि सोमवार सुबह 11 बजे टीम कार्रवाई करने पहुंची। सरकारी जमीन पर बने एक मकान को हटाया जाना था। JCB जैसे ही आगे बढ़ी, लोगों ने हाथों में पत्थर उठा लिए। एकाएक टीम पर हमला बोल दिया गया। डेढ़ साल पहले भी निगम टीम ने इसी जमीन से अतिक्रमण हटवाया था। तब यह मकान रह गया था। जिस मकान को हटाया गया, उसके लोगों को पंवासा इलाके की मल्टी में घर दिया गया है, लेकिन वे वहां जाने को तैयार नहीं। 3 साल से कब्जा जमाए बैठे थे।

पट्‌टे में दी गई जमीन पर 50 साल से ज्यादा समय से घर बनाकर रह रहे थे।

मकान मालिक गुड्‌डू मेवाड़ा ने बताया कि चार भाइयों के घर थे- रायसिंह मेवाड़ा, लाला मेवाड़ा, गुड्डू मेवाड़ा और जुगल मेवाड़ा। पट्‌टे में दी गई जमीन पर 50 साल से ज्यादा समय से घर बनाकर रह रहे थे। हाईकोर्ट का स्टे होने के बाद भी हमारे घर तोड़ दिए गए। कार्रवाई के दौरान महिलाओं ने भी टीम का विरोध जताया। बाद में JCB से मकान को गिरा दिया गया। लोगों का आरोप है कि बगैर सूचना के नगर निगम ने घर गिरा दिया। बारिश खत्म होने तक का समय भी नहीं दिया।

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