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माधवराव सिंधिया की 14 टन वजनी प्रतिमा को ,बंगाली चौराहे से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट किया

इंदौर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया बंगाली चोराहे स्थित प्रतिमा को स्थान्तरित कर समीप के जैन मंदिर के सामने शिफ्ट किया गया। दरअसल, यह प्रतिमा ओवर ब्रिज निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए दूसरी जगह स्थान्तरित की गई। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की सहमति के बाद ही प्रतिमा शिफ्टिंग के काम को आगे बढ़ाया गया ।

नगर निगम ने रविवार को बंगाली कालानी चौराहा स्थित पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को नई जगह शिफ्ट कर दिया। अब तक प्रतिमा चौराहे के बीचोबीच बनी रोटरी में स्थापित थी, जिसके कारण चौराहे पर बनाए जा रहेे फ्लायओवर का काम सालभर से अटका हुआ था। प्रतिमा को ब्रिज के पास गोयल नगर की तरफ जैन मंदिर के सामने स्थापित किया गया है। कांस्य धातु से बनी यह प्रतिमा करीब डेढ़ टन वजनी है और 14 फीट ऊंची है। पहले प्रतिमा पश्चिम मुखी थी, जबकि अब उत्तर मुखी हो गई है ।

प्रतिमा हटने से फ्लाय ओवर का 40 मीटर लंबाई में काम शुरू हो सकेगा

प्रतिमा हटाने के लिए ग्वालियर से विशेषज्ञ प्रभात राय खास तौर पर इंदौर आए थे। उनके दिशानिर्देशन में क्रेन की मदद से प्रतिमा को इधर से उधर किया गया। पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री (पुल) गिरजेश शर्मा ने नेताओं को बताया कि प्रतिमा हटने से फ्लायओवर का 40 मीटर लंबाई में काम शुरू हो सकेगा। सिक्स लेन फ्लायओवर का यह काम अगले चार से पांच महीने में पूरा करने का लक्ष्य है।करीब सालभर से प्रतिमा शिफ्टिंग नहीं होने से फ्लायओवर के मध्य भाग का काम रुका हुआ था।

माधव राव सिंधिया की प्रतिमा को पूजन कर स्थापित की गई

प्रतिमा स्थान्तरित के समय कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट बीजेपी नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे और आईडीए के पूर्व अध्यक्ष मधु वर्मा मौजूद रहे इस दौरान मंत्री तुलसीराम सिलावट ने फ्लाईओवर का दौरा भी किया। उसके बाद माधव राव सिंधिया की प्रतिमा को पूजन कर स्थापित की गई। स्थापना के बाद मंत्री तुलसीराम सिलावट ने पूर्व मंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के जीवन के बारे में किए गए कार्यों की चर्चा की उन्होंने कहा कि मंत्री पद पर रहते हुए माधवराव सिंधिया जी ने कई जन कल्याणकारी कार्य किए गए जिसमें मुख्य तौर पर इंदौर महाराष्ट्र रेल लाइन रही।

यंत्री ने 6 माह में जनता को ब्रिज की सौगात मिलने की संभावना जताई

तुलसीराम सिलावट कैबिनेट मंत्री वही कार्यपालन यंत्री गिरिजेश शर्मा ने बताया कि नियम अनुसार ब्रिज निर्माण 2 वर्ष में काम पूरा होना था लेकिन प्रतिमा के चलते निर्माण में विलम्ब हुआ, साथ ही कोरोना के चलते लॉक डाउन ओर मेट्रो के कारण भी काम रोकना पड़ा जिसके कारण ब्रिज बनने में लंबा समय लगा। कार्यपालन यंत्री ने 6 माह में जनता को ब्रिज की सौगात मिलने की संभावना जताई ।

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