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काशी में लाउडस्पीकर लगाकर शुरू किया हनुमान चालीसा का पाठ

वाराणसी। महाराष्ट्र से शुरू हुआ अजान और हनुमान चालीसा का विवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंच गया है। श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष और भाजपा के सदस्य सुधीर सिंह ने ऐलान किया है कि अजान के समय वह लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। उन्होंने इसकी शुरूआत भी कर दी है। उनका कहना है कि काशी को काबा मत बनाओ। यहां सुबह की शुरूआत हनुमान चालीसा और सुप्रभात गायन से होगी।

उधर, राष्ट्रीय हिंदू दल के अध्यक्ष रोशन पांडेय ने कहा है कि मस्जिदों की तरह ही काशी के प्रत्येक मंदिर में लाउडस्पीकर लगवाया जाएगा। इसकी शुरूआत जल्द ही 21 मंदिरों में स्पीकर लगवाकर की जाएगी। यदि मस्जिदों से अजान हो सकती है तो मंदिरों से भजन और वेद मंत्रों का पाठ क्यों नहीं हो सकता है?
हमें काशी को पुरातन स्वरूप में लाना है

वाराणसी की साकेत नगर कॉलोनी में रहने वाले सुधीर सिंह का कहना है कि काशी में अनादि काल से सुबह मंदिरों के घंटों-घड़ियाल की कर्णप्रिय आवाज, शंखनाद और भजन-पूजन से होती थी। हमें काशी को उसी पुरातन स्वरूप में फिर से वापस लाना है। श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन ने संकल्प लिया है कि वह पांचों टाइम काशीवासियों को हनुमान चालीसा सुनाएंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी काशीवासियों से अनुरोध करते हैं कि हर मंदिर में और संभव हो सके तो हर घर में स्पीकर लगाकर अजान होते ही हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे काशी का पुरातन स्वरूप बरकरार रह सकेगा और हमारी सुबह हर-हर महादेव के उद्घोष और हनुमान चालीसा के पाठ के साथ शुरू होगी। उन्होंने कहा कि अभी दिन में तीन से चार बार हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। इसके बाद हिन्दुओं की तरह दिन में 2 बार ही पाठ करेंगे।

हमारा उद्देश्य सौहार्द बिगाड़ना नहीं है

सुधीर सिंह ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि इस अभियान को काशीवासी आगे बढ़ाएंगे। हमारा उद्देश्य सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना नहीं है। कोर्ट के आदेश से ध्वनि प्रदूषण को देखते हुए हमने अपने मंदिरों से लाउडस्पीकर हटा लिए, लेकिन मस्जिदों में स्थिति जस की तस है।

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