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घोर आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति ने 9 नए कैबिनेट मंत्रियों को दिलाई शपथ

कोलंबो। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में पूर्ण मंत्रिमंडल के गठन तक स्थिरता सुनिश्चित करने की कोशिशों के तहत राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने शुक्रवार को नौ नए कैबिनेट मंत्रियों को शपथ दिलाई।

प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को नियुक्त किए जाने के एक सप्ताह से अधिक समय के बाद मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। राष्ट्रपति ने पांच बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रहे विक्रमसिंघे को एक बार फिर यह पद सौंपा है। नए मंत्रियों में मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेग्या (एसजेबी) के दो मंत्री शामिल हैं, जबकि बाकी राजपक्षे की पार्टी श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) और उस समूह से जुड़े हुए हैं, जिसने सत्तारूढ़ गठबंधन से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले, राष्ट्रपति राजपक्षे ने पिछले सप्ताह चार मंत्रियों को नियुक्त किया था। हालांकि, अब तक किसी भी वित्त मंत्री की नियुक्ति नहीं की गई है, जो इस समय अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ चल रही बातचीत के मद्देनजर अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत 25 सदस्य होंगे।

भारत ने श्रीलंका को बचाए रखा

जनवरी के बाद से भारत के आर्थिक सहायता पैकेज ने 1948 में स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका को उसके सबसे बुरे आर्थिक संकट में बचाए रखा था। भारत ने ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए कर्ज प्रदान किया, क्योंकि श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार समाप्त हो गया था। बता दें कि, राजनीतिक संकट मार्च के अंत में शुरू हुआ था, जब लंबे समय तक बिजली कटौती और आवश्यक सुविधाओं की कमी से परेशान लोग सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए।

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