भोपाल। कोरोना के लंबे ब्रेक के बाद अब एमपी में स्मार्ट सिटी और मेट्रो रेल के काम में तेज लाई जाएगी। इसका काम तेज गति से करने के लिए जिम्मेदार अफसरों को फ्री हैंड दे दिया गया है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने स्मार्ट सिटी और मेट्रो रेल के अभी तक के काम की समीक्षा के लिए सोमवार को भोपाल में बैठक ली।बैठक में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा भोपाल और इंदौर की तरह अन्य स्मार्ट सिटी भी पीपीपी और कन्वर्जेंस के प्रोजेक्ट बनाएं। स्मार्ट सिटी में पूरे अधिकार आपके पास ही हैं। सभी प्रोजेक्ट समय-सीमा में पूरा करवाने की जिम्मेदारी भी आपकी है। उन्होंने कहा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हमारे प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसमें शहर के पूरे विकास का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट पर अमल के लिए किसी भी स्तर पर कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा शहर में संचालित सीवेज और जल आपूर्ति परियोजनाओं को समय-सीमा में पूरा करें।
भूपेंद्र सिंह ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी काम तय समय पर करें। जरूरी काम के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द करें। प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास मनीष सिंह ने कहा जो भी प्रोजेक्ट बनाएं वह सस्टेनेबल होना चाहिए। इस तरह का मैकेनिज्म बनाएं कि उसका लाभ नागरिकों को मिलता रहे। उन्होंने कहा सागर और सतना में और तेजी से काम करने की जरूरत है। आयुक्त नगरीय प्रशासन निकुंज श्रीवास्तव ने स्मार्ट सिटी में चल रहे काम की जानकारी दी। इसके साथ ही सभी स्मार्ट सिटी के सीईओ ने अपने काम के बारे में विस्तार से बताया। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन भी दिया गया।
6566 करोड़ के 567 प्रोजेक्ट
स्मार्ट सिटी मिशन में 7 स्मार्ट सिटी में 6566 करोड़ 70 लाख के 567 प्रोजेक्ट बनाए गए हैं। इनमें से 1577 करोड़ के 273 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। शेष प्रोजेक्ट पूरा करने की समय-सीमा निर्धारित कर दी गई है। भोपाल में 939 करोड़ के 75, इंदौर में 942 करोड़ के 161, जबलपुर में 940 करोड़ के 99, ग्वालियर में 926 करोड़ के 49, उज्जैन में 940 करोड़ 60, सागर में 964 करोड़ के 69 और सतना में 914 करोड़ रुपए के 54 प्रोजेक्ट बनाए गए हैं।
अब नहीं बनें अनाधिकृत कॉलोनी
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने के लिए एक्ट में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत नियम बनाए जा रहे हैं। इस संबंध में 15 दिन के अंदर नगर निगम कमिश्नर सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा नगर निगम कमिश्नर अब ध्यान दें कि कोई भी अनाधिकृत कॉलोनी नहीं बनें। उन्होंने कहा कम्पाउंडिंग की सीमा 10 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत की गई है।