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सीएम केजरीवाल के बड़बोलेपन पर सिंगापुर ने लगाई लगाम, बयानों पर लगाया प्रतिबंध

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक आपत्तिजनक बयान से नाराज सिंगापुर सरकार ने उनके खिलाफ एंटी मिसइनफॉर्ममेशन कानून यानी प्रोटेक्शन फ्रॉम ऑनलाइन फॉल्सहुड एंड मैनिपुलेशन कानून (Protection from Online Falsehoods & Manipulation- POFMA) लागू कर दिया है। अब सिंगापुर में अरविंद केजरीवाल के बयान से संबंधित कोई भी सूचना नहीं दिखाई जाएगी।

केजरीवाल के बयान पर सिंगापुर ने जताया था एतराज

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक गलत बयान भारत सरकार के गले की उस वक्त हड्डी बन गया, जब सिंगापुर सरकार ने उनके ऊपर गलत बयानबाजी का आरोप लगाते हुए सख्त एतराज जताया। इसके बाद केंद्र सरकार को मोर्चा संभालना पड़ा और आनन-फानन में सिंगापुर सरकार को सफाई पेश करना पड़ी। गौरतलब है दिल्ली के सीएम ने मंगलवार को कहा था कि सिंगापुर में मिला नया स्ट्रेन भारत में तीसरी लहर की वजह बन सकता है, जो बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर सकता है। इसके बाद सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त को बुधवार को तलब कर आपत्ति जताई गई थी।

भारत को देनी पड़ी थी सफाई

इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा था कि उन्होंने जो कहा वह भारत का पक्ष नहीं है। इसके बाद सिंगापुर के उच्चायुक्त सिमोन वोन्ग वोन्ग ने कहा, ”हम भारत सरकार की स्पष्ट जवाब की तारीफ करते हैं और इससे संतुष्ट हैं।” उन्होंने कहा कि एक प्रमुख राजनीतिक शख्सियत ने नई दिल्ली में तथ्यों को परखे बिना दुर्भाग्यपूर्ण बातें कहीं, जिसपर सिंगापुर ने गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सिंगापुर इस दुर्भाग्यपूर्ण चैप्टर को बंद करना चाहता है और महामारी के खिलाफ साझा जंग पर फोकस करना चाहता है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को रहना होगा सजग

POFMA लागू होने के बाद फेसबुक, ट्विटर और हार्डवेयरजोनडॉटकॉम सहित सोशल मीडिया कंपनियों को सिंगापुर में सभी एंड-यूजर्स को एक करेक्शन नोटिस और स्पष्टिकरण देना होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को यह स्पष्ट करना होगा कि कोरोना का कोई सिंगापुर वैरिएंट नहीं है और न कि इसका कोई साक्ष्य मिला है कि कोई कोरोना वेरिएंट बच्चों के लिए बेहद खतरनाक है।