उज्जैन महाकाल लोक’ के लोकार्पण के मौके पर मंगलवार रात कैलाश खेर ने जैसे ही अपने एल्बम कैलासा का गीत ‘जाना जोगी दे नाल नीं…’ गाना शुरू किया, वैसे ही मंच पर बैठे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच पर पहुंचे और झूमने लगे।
सूफी गायक पद्मश्री कैलाश खेर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष महाकाल के एंथम जयश्री महाकाल। सुनाते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। इस भक्ति गीत को कैलाश ने खुद ही रचा और कम्पोज किया है। इसमें महाकाल और उज्जयिनी का विस्तार से वर्णन है। महाकाल को समर्पित यह पहला आधिकारिक गान है। मोदी के जाने बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रस्तुति के बीच में मंच पर पहुंचे तो कैलाश के संग वह भी शिव भजनों पर भक्ति रस में झूम उठे।
कैलाश खेर ने कहा कि संगीत और अध्यात्म को साथ लाना हमारा सपना था। प्रधानमंत्री के महाकाल लोक अवलोकन के दौरान मध्यप्रदेश की मालवा संस्कृति का नृत्य, गुजरात का गरबा, आंध्र प्रदेश के कलाकारों ने कूचिपूड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी। खास बात यह है कि झारखंड के ट्राइबल एरिया से आए 12 कलाकार ने अपनी सांस्कृतिक परंपरा अनुसार भस्मासुर की प्रस्तुति दी।
उज्जैन से मृदुभाषी के लिए अमृत बैंडवाल की रिपोर्ट।