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Shiv Navratra 2021: दोपहर में हुई ब्रह्मुहूर्त की भस्मारती, सप्तधान्य के सेहरे से श्रंगारित हुए भूतभावन महाकाल

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Shiv Navratra 2021: महाकालेश्ववर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व बडी धूमधाम के साथ मनाया गया। मंदिर में लाखो श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया  महाशिवरात्रि पर्व पर लगभग सवा लाख दर्शनार्थियों ने भगवान महाकाल के दर्शन किये। महाकाल मंदिर में बाबा ने भक्तों को सवा कुंटल फूलों के सेहरे के रूप में दर्शन दिया जिसके बाद पंडित पुजारी द्वारा बाबा महाकाल को दिन में होने वाली भस्म आरती की । बाबा महाकाल की महाशिवरात्रि के दूसरे दिन में 12 बजे भस्म आरती की परंपरा है। कोरोनावायरस के चलते दिन की भस्म आरती में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित रखा गया था।

दोपहर में हुआ भस्मारती

वर्ष में एक बार ही ऐसा होता है कि बाबा महाकाल की भस्म आरती अलसुबह न होकर दिन में 12 बजे होती है। इसके पूर्व बाबा महाकाल भक्तों को मनोरम सवा मन के फूलों का सेहरे में दर्शन देते हैं। जिसके देखने के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। लेकिन इस बार कोरोना के चलते सीमित श्रद्धालुओं का ही यह दर्शन हो पाए हैं विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में महाशिवरात्रि पर्व का समापन किया गया बाबा महाकाल की साल में एक बार होने वाली भस्म आरती की गई। 

भगवान महाकाल को रात्रि 10.30 बजे के बाद जलपात्र से जल चढना बंद हुआ तथा महाभिषेक प्रारंभ हुवा, जिसमें पंचामृत (दूध, दही, शकर शहद, घी), पॉच प्रकार के फलों के रस, गंगाजल, गुलाबजल, भांग आदि सामग्री के साथ केशर मिश्रित दूध से अभिषेक किया  एवं गर्म जल से स्नान करवाया गया ।

महाकाल को पहनाया सप्तधान्य  मुखरविन्द

अभिषेक पश्चात नये वस्र धारण कराकर सप्तधान्य  मुखरविन्द  धारण कराया गया। सप्तधान्य मुखारविंद में बाबा महाकाल दूल्हे के रूप में दिखाई दे रहे थे । सुबह 12:00 बजे बाबा महाकाल का सप्तधान रूप उतारा गया उसके बाद बाबा महाकाल का गर्म जल से अभिषेक किया गया भस्म आरती के पूर्व बाबा महाकाल को पंचामृत अभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और मौसमी फलों को चढ़ाया गया। इसके बाद बाबा महाकाल का भांग ओर सूखे मेवे से आकर्षक श्रंगार किया गया।

इस बार बाबा शृंगार में स्वर्ण जड़ित त्रिपुंड बाबा महाकाल को लगाया गया। बाबा महाकाल को नए वस्त्र धारण करवाए गए जिसके बाद महाकाल की साल में एक बार होने वाली भस्म आरती ढोल ताशे और नगाड़े के साथ की गई। हालांकि बाबा महाकाल की भस्म आरती में आम श्रद्धालु वीवीआइपी और पुजारी परिवार के सदस्यों को प्रवेश नहीं दिया गया था भस्म आरती के साथ ही दो दिनी महाशिवरात्रि पर्व का समापन किया गया।