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Shardiya Navratri 2021: देवी को यह फूल है अतिप्रिय, इसमें होता है ब्रह्मा, विष्णु महेश का वास

Shardiya Navratri 2021: नवरात्रि के अवसर पर देवी की आराधना से सर्वमनोकामनाएं पूर्ण होती है। माता को प्रसन्न करने के लिए भक्त मां के प्रिय पदार्थों को समर्पित करते हैं। देवी-देवताओं को फूल चढ़ाने का विशेष महत्व है और मां को रक्तवर्णीय गुड़हल का फूल अतिप्रिय है। आइए जानते हैं इसके बारे में। गुड़हल का फूल देवी को चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती है और भक्तों को मनचाहा आशीर्वाद देती है। मान्यता है कि देवी को गुड़हल का फूल समर्पित करने से नवग्रह के दोषों का नाश होता है।

गुड़हल में होता है देवी-देवताओं का वास

मान्यता है कि गुड़हल के फूल के उपरी भाग में ब्रह्मा, मध्य भाग में विष्णु और नीचे वाले भाग में महेश का वास होता है। फूल के अंकुरण वाले भाग में देवी दुर्गा स्वयं विराजमान होती है। देवी भागवत में कहा गय़ा है कि मां दुर्गा को गुड़हल के फूल अतिप्रिय है। इसलिए जो भक्त गुड़हल के फूलों की माला बनाकर देवी को चढ़ाता है उसकी सभी मनोकामनाओं पूर्ण होती है। अंक ज्योतिष के अनुसार देवी के लिए माला बनाते समय उसमें फूलों की संख्या का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तंत्र साधना में गुड़हल के फूलों की उचित संख्या से मंत्रोच्चार करने पर सभी समस्याओं का समाधान होता है।

राशि अनुसार समर्पित करें फूल

राशि अनुसार गुड़हल के फूल चढ़ाने से कष्टों से निवारण होता है और कार्यों में सिद्धि मिलती है। मेष राशिवालों को गुड़हल के 28 फूलों की माला चढ़ाना चाहिए। वृषभ राशि वालों को 21 फूलों की माला चढ़ाना चाहिए। मिथुन राशिवालों को 54 फूलों की माला पहनाना चाहिए। कर्क राशिवालों को 56 फूलों की माला समर्पित करना चाहिए। सिंह राशिवालों को 108 फूलों की माला अर्पित करना चाहिए। कन्या राशिवालों को 11 फूलों की माला मां को पहनाना चाहिए। तुला राशिवालों को 21 फूलों की माला मां को चढ़ाना चाहिए। वृश्चिक राशिवालों को 18 फूलों की माला समर्पित करना चाहिए। धनु राशिवालों को 9 फूलों की माला अर्पित करना चाहिए। मकर राशिवालों को 36 फूलों की माला पहनाना चाहिए। कुंभ राशिवालों को 5 फूलों की माला पहनाना चाहिए। मीन राशिवालों को 108 फूलों की माला अर्पित करना चाहिए।

गुड़हल फूल में है नवग्रह का वास

शास्त्रोक्त मान्यता है कि गुड़हल के फूल के हरे भाग में बुध और केतू का प्रतिनिधित्व माना गया है। फूल के केसरिया भाग में मंगल का प्रतिनिधित्व होता है। लाल रंग में सूर्य का प्रतिनिधित्व होता है। फूल के अकुरण पर देवगुरु बृहस्पति का वास माना गया है। अंकुरण के मध्य भाग में राहु और उसके अंतिम भाग में शनि का वास होता है। गुड़हल के बीज में चंद्रमा का वास होता है।

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