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बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने सिंधिया हुए रवाना

ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बाढ़ग्रस्त इलाकों के हवाई सर्वे पर निकल गए हैं। सिंधिया रविवार सुबह फिर कंट्रोल कमांड सेंटर पहुंचे। उन्होंने अंचल में बाढ़ राहत, बांध नदियों के जल स्तर और आने वाले मौसम की जानकारी ली। अधिकारियों ने सिंधिया के सामने प्रजेंटेशन दिया और बाढ़ राहत, आगामी मौसम का हाल बताया।

बतादें कि ग्वालियर-चंबल के जिलों में तीन दिनों तक कहर बरपाने वाली बाढ़ में कई जिंदगियां भी पानी में बह गई हैं। जैसे-जैसे बाढ़ का पानी उतर रहा है, बर्बादी का मंजर भी सामने आ रहा है। अब तक प्रशासन ने 20 लोगों की मौत की पुष्टि की है। इनमें शिवपुरी में 11, श्योपुर में छह और मुरैना में तीन लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा भिंड और दतिया में भी बाढ़ के कारण हुई मौतों की जानकारी जुटाई जा रही है।

सिंधिया- भविष्य की तैयारी पहले से ही कर पाएंगे

सिंधिया ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए तीन ट्रक राहत सामग्री भी रवाना की। ये राहत सामग्री ग्वालियर ग्रामीण और श्योपुर जिले तक पहुंचाई जाएगी। उन्होंने बाढ़ में जीवन खो चुके तीन मृतकों के परिजनों को चार लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा की। हवाई सर्वे पर रवाना होने से पहले सिंधिया ने कहा कि रात 12:30 बजे मैंने डैशबोर्ड बनाने के निर्देश दिए थे। आज पहला प्रजेंटेशन देखा। बांध और नदियों का जल स्तर देखा। मौसम का आकलन किया। कहां मौसम बिगड़ने वाला है, उन इलाकों के बांधों-नदियों की स्थिति देखी, इससे हम भविष्य की तैयारी पहले से ही कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि मौसम, राहत और अधोसंरचना तीनों मॉडल्स पर हम लोग एक साथ काम कर रहे हैं।

दतिया में सिंध नदी फिर उफान पर

मध्य प्रदेश के दतिया जिले में फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। शिवपुरी के डैम से पानी छोड़े जाने के बाद रविवार को सिंध नदी का जल स्तर एक बार फिर से तेजी से बढ़ा। जिले के लांच इलाके में सिंध नदी का जल स्तर करीब करीब 8 फीट तक बढ़ गया।अगर जल स्तर थोड़ा और बढ़ा तो पानी सड़क के पार निकल जाएगा। इसे लेकर गांववाले फिर डर गए हैं. अंडोरा सहित कुछ गांव के लोग घरों की ओर लौटने लगे थे, लेकिन अब वे चिंता में पड़ गए हैं. जिला प्रशासन बढ़ते जल स्तर को लेकर अलर्ट मोड पर है।

पीड़ितों ने गोराघाट-इंदरगढ़ मार्ग पर जाम लगा दिया

दूसरी ओर, बाढ़ पीड़ितों ने रविवार को गोराघाट-इंदरगढ़ मार्ग पर जाम लगा दिया। बाढ़ के कारण सुनारी और पाली गांवों के बाढ़ पीड़ित राहत कैम्प में प्रशासन की व्यवस्थाओं से नाराज हो गए। प्रशासन ने इन पीड़ितों के लिए किसी भवन की व्यवस्था न करके मात्र एक टैंट ही लगाया है। अगर बारिश हो गई तो इनके पास भीगने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा। इसके अलावा जिला प्रशासन का कोई अधिकारी राहत कैम्प में नहीं पहुंचा, जिसे ये पीड़ित अपना दर्द सुना सकें। शिविर में जो खाना बंट रहा है वह भी अपर्याप्त है और उसकी गुणवता भी सही नहीं है।

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