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MP में कल से खुलेंगे 5वीं तक के स्कूल, कोरोना गाइडलाइन का रखना होगा ध्यान

भोपाल। मध्यप्रदेश में 18 महीने बाद 20 सितंबर से कक्षा पहली से लेकर कक्षा पांचवी तक के स्कूल खुलने जा रहे हैं। 18 महीनों के बाद कल यानी 20 सितंबर को पहली बार कक्षा 1 से से 5वीं तक के बच्चे स्कूल पहुंचेंगे।

स्कूल खुलने से पहले स्कूलों की साफ सफाई के साथ सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है। वहीं शिक्षकों का इस बारे में कहना है कि इस बार बच्चों के स्कूल पहुंचने पर सुरक्षा को लेकर उनकी भी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। बता दें कि स्कूल खुलने के साथ प्राइमरी स्कूलों में 50 फ़ीसदी क्षमता के साथ कक्षाओं का संचालन होगा। पहले दिन स्कूल बुलाने वाले बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से माता-पिता को मैसेज किया गया है। खास बात यह है कि स्कूलों में माता-पिता की लिखित सहमति अनिवार्य होगी।

माता-पिता की लिखित सहमति पत्र के बिना छात्र छात्राओं को क्लास रूम में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। शासकीय सरोजिनी नायडू कन्या प्राइमरी विद्यालय की हेडमास्टर नीना श्रीवास्तव का कहना है कि क्लास रूम में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाया जाएगा। क्लास में बच्चों को मास्क अनिवार्य किया गया है। हर शिक्षक की क्लास रूम में ड्यूटी लगाई गई है, कि बच्चे एक-दूसरे के साथ दूरी का पालन करें. बच्चों के लंच बॉक्स और बॉटल को एक दूसरे के साथ शेयर ना करने को लेकर भी निगरानी की जाएगी।

Group of Indian schoolboys and schoolgirls at school campus

प्राइमरी स्कूल खुलने से ठीक पहले तीन दिनों तक बच्चों के माता-पिता और शिक्षकों के बीच संवाद हुआ। पैरंट्स टीचर मीटिंग (पीटीएम) के जरिए शिक्षकों ने माता-पिता से बच्चों को रोजाना स्कूल भेजने को लेकर चर्चा की। शिक्षकों का कहना है कि लंबे अरसे के बाद स्कूल खोलने के फैसले पर माता-पिता के साथ बच्चे भी उत्साहित दिखाई दिए। वहीं कुछ माता-पिता में कोरोना संक्रमण को लेकर डर भी दिखाई दिया। शिक्षकों ने माता पिता को इस बात को लेकर सख्त हिदायत दी है कि अगर बच्चों को सर्दी खांसी जुखाम के लक्षण हैं तो स्कूल बिल्कुल भी ना भेजें। स्कूल ना आने वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन पहले की तरह ही किया जाएगा।

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