Mradhubhashi
Search
Close this search box.

Sawan Maas 2021: बिल्वपत्र की जड़ से मिलती है संपन्नता और होती है आरोग्य की प्राप्ति

Sawan Maas 2021: महादेव की उपासना में आक का फूल, धतूरा, बेलपत्र, आदि के विशेष महत्व है। इनमे बेलपत्र भोलेनाथ को समर्पित करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। शिव पुराण और सनातन संस्कृति के धर्मशास्त्रों में बेलपत्र का विशेष महत्व बतलाया गया है। आइए जानते हैं बिल्वपत्र की जड़ के कुछ विशेष उपायों के बारे में।

लक्ष्मी स्वरूपा है बेलपत्र

बिल्वपत्र को पवित्र वृक्ष माना जाता है। इसके पत्र, फल को शिवलिंग पर समर्पित करने का विशेष महत्व है। शास्त्रों में बिल्वपत्र को श्रीवृक्ष की संज्ञा दी गई है। इस वृक्ष में देवी लक्ष्मी का वास माना गया है और इसकी जड़ से लेकर पत्ते तक सभी पूजनीय है। बिल्व की जड़ के पास शिवभक्त को घी सहित अन्न, खीर या मिष्ठान्न दान करने से धनाभाव दूर होकर अखंड लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। बिल्वपत्र के जड़ की पूजा करने से जन्म-जन्मांतर का पापों का नाश होता है और शिवभक्त को महादेव की कृपा प्राप्त होती है।

तीर्थयात्राओं का मिलता है फल

फूल, धतूरा, गंध और बिल्वपत्र से बिल्वपत्र के जड़ की पूजा करने से समस्त सुखों के साथ संतान सुख की प्राप्ति होती है। बिल्वपत्र की जड़ का जल मस्तक पर लगाने से समस्त तीर्थयात्राओं का फल मिल जाता है। बिल्वपत्र की जड़ औषधीय रूप में भी बहुत गुणकारी है। इसलिए कई शारीरिक व्याधियों में भी इसका प्रयोग होता है।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट