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Sawan 2021: 84 महादेव के दर्शन से मिलता है मोक्ष और मिलती है सुख-समृद्धि

Sawan 2021: मोक्षपुरी उज्जैन में श्रावण मास के दौरान चौरासी महादेव दर्शन यात्रा और वन विचरण मेलों की परंपरा है। 25 जुलाई को रविवार से श्रावण मास की शुरुआत हो चुकी है। इस मास में भक्त पैदल और वाहनों से चौरासी महादेव दर्शन के लिए निकलेंगे। वहीं श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार पर महिलाएं वन विचरण मेलों के रूप में शिव और प्रकृति की पूजा करेंगी।

उज्जैन में विराजमान है 84 महादेव

ज्योतिर्विद पं.आनंदशंकर व्यास ने बताया श्रावण मास शिव को अत्यंत प्रिय है। इस माह में शिवजी और प्रकृति का पूजन महापुण्य फल देने वाला बताया गया है। शास्त्रों में महाकाल वन में विराजमान चौरासी महादेव भक्त का कल्याण करने वाले बताए गए हैं। इनकी पूजा अर्चना से भक्त के समस्त प्रकार के संकटों का नाश होता है तथा सुख, सौभाग्य व समृद्धि की प्राप्ति होती है। तीर्थ नगरी अवंतिका में श्रावण मास के दौरान चौरासी महादेव दर्शन यात्रा और वन विचरण मेलों की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है। भक्त पैदल और वाहनों से इन मंदिरों की यात्रा कर मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए महादेव की पूजन अर्चना करते हैं। इस बार श्रावण मास में 25 जुलाई से पौराणिक नगरी उज्जैन में तीर्थाटन प्रारंभ हो चुका है जो 22 अगस्त श्रावणी पूर्णिमा तक जारी रहेगा।

84 लाख योनियों से मिलती है मुक्ति

पंडित शैलेंद्र व्यास ने बताया कि महाकाल वन की महिमा निराली है। जहां-जहां भगवान शिव प्रकट हुए वहां वहां भगवान के शिवलिंग है शिवलिंग की पूजा करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं श्रद्धालु सावन मास और अधिक मास में 84 महादेव की परिक्रमा कर शिव आराधना करते हैं 84 महादेव की परिक्रमा करने से सारे दुखों से मुक्ति मिलती है वही 84 लाख योनियों से दर्शन मात्र से मुक्ति मिलती है। 84 महादेव में हर महादेव की अपनी अलग विशेषता है जिनके पूजन करने मात्र से ही कष्टों का निवारण होता है.

यहां नवग्रह शिवरूप में विराजित हैं। त्रिवेणी, बड़े गणेश तथा महाकाल मंदिर परिसर स्थित नवग्रह मंदिरों में समस्त ग्रह शिवरूप में विराजित हैं। इसके अलावा चारधाम मंदिर आश्रम परिसर में 12 ज्योतिर्लंगि तथा रामघाट स्थित धर्मराज मंदिर में एक ही शिला पर 84 महादेव विराजित हैं.

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