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Sawan 2021: सावन में शिवपुराण के वाचन और श्रवण में इन नियमों का करें पालन

Sawan 2021: शास्त्रों में महादेव के गुणगान के अनेकों तरीके बताए गए हैं। इनमें जलाभिषेक, स्तुति, उपवास आदि प्रमुख है। शिवपुराण में भोलेनाथ की महिमा का काफी गुणगान किया गया है। शिवपुराण के वाचन और श्रवण दोनों से शिवभक्त के समस्त पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। शिवपुराण के वाचन और श्रवण दोनों में कुछ खास बातों का ध्यान रखना आवश्यक है तभी भक्त को शिवकृपा का वरदान प्राप्त होता है।

  • शिवपुराण करने वाले कथावाचक, संत, महात्मा या ब्राह्मण को कथा प्रारंभ करने के एक दिन पहले ही व्रत ग्रहण कर क्षौर कर्म कर लेना चाहिए। इसके बाद कथा के समापन तक क्षौर कर्म यानी बाल बनाना, शेविंग आदि कर्म नहीं करना चाहिए।
  • गरिष्ठ अन्न, पचने में मुश्किल, दाल, जला हुआ भोजन, मसूर और बासी अन्न खाकर शिवपुराण का श्रवण नहीं करना चाहिए।
  • शिवपुराण का श्रवण करने वाले शिवभक्त को कथा प्रारंभ होने से पहले कथावाचक को गुरु मानकर उससे दीक्षा ग्रहण करनी चाहिए। दीक्षा लेने के बाद ब्रह्मचर्य का पालन करना, भूमि पर शयन, पत्तल में भोजन और प्रतिदिन कथा समापन पर भोजन ग्रहण करना चाहिए।
  • शिवपुराण कथा के व्रत का संकल्प लेने वाले पुरूष को रोजाना एक ही बार जौ, तिल और चावल से बना का भोजन करना चाहिए। व्रतधारी को प्याज, लहसुन, हींग, गाजर, मादक वस्तुओं आदि का त्याग कर देना चाहिए।
  • कथा का व्रत रखने वाले को काम , क्रोध और व्यसनों का त्याग कर ब्राह्मणों व साधु-संतों की निंदा से बचना चाहिए।
  • शिवपुराण की कथा का श्रवण गरीब, रोगी, पापी, भाग्यहीनऔर संतान के इच्छुक पुरूष को अवश्य करना चाहिए।
  • कथा की समाप्ति पर एक उत्सव का आयोजन कर महादेव के साथ शिवपुराण की पूजा करना चाहिए। ब्राह्मणों को स्वादिष्ट भोजन करवाकर उनका यथोचित सम्मान करना चाहिए। कथावाचक को उचित दान-दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए।
  • कथा की समाप्ति पर कम से कम 11 ब्राह्मणों को शहद मिश्रित खीर और स्वादिष्ट मिष्ठान्नों के साथ भोजन करवा चाहिए।
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