Dharma: ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का विशेष महत्व है। रत्नों का मानव के तन-मन पर प्रभाव पड़ता है और इंसान के जीवन की दशा और दिशा बदल जाती है। ज्योतिष में कुंडली के ग्रहों के हिसाब से रत्नों के धारण करने की सलाह दी गई है। नीलम एक ऐसा ही रत्न है, जो मानव की तकदीर के सितारे बुलंद कर सकता है। आइए जानते हैं नीलम रत्न से जुड़े शुभ और अशुभ प्रभावों के संबंध में।
रत्नों में नीलम रत्न को लेकर विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। यह रत्न व्यक्ति को नफा और नुकसान दोनों करवाने में सक्षम है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नीलम रत्न को धारण ज्योतिष की सलाह पर करना चाहिए। नीलम ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम कर जीवन की समस्याओं का खत्म करता है।
नीलम के शुभ फल
- नीलम के अनुकूल प्रभाव देने पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान होने लगता है।
- नीलम के शुभ फलदायी होने पर आर्थिक संपन्नता आने के साथ नौकरी और कारोबार में तरक्की मिलती है।
- शनि देव के अशुभ प्रभाव में कमी लाने के लिए नीलम काफी प्रभावशाली रत्न है। इसको धारण करने से शनि देव की पीड़ा का नाश होता है।
- नीलम जातक की कार्यकुशलता में वृद्धि करता है और वह कार्यों को सफलतापूर्वक संपन्न कर लेता है।
- वृषभ, तुला, मकर और कुंभ राशि वालो के लिए नीलम शुभ फलदायी है।
नीलम के अशुभ फल
- नीलम रत्न काफी तेजी से अपना असर दिखलाता है और यदि प्रतिकूल प्रभाव दे तो आंखों में तकलीफ महसूस होने लगती है।
- नीलम के प्रतिकूल होने पर दुर्घटनाएं और शारीरिक कष्टों में बढ़ोतरी होने लगती है।
- नीलम यदी जातक को शुभ फल ना दे तो तुरंत आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।
- नीलम के विपरीत प्रभाव देने् पर बुरे और डरावने सपने आने लगते हैं।