यदि क्रिकेट मज़हब है, तो इस मज़हब का एक ही भगवान है “सचिन तेंदुलकर” मास्टर ब्लास्टर आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। सचिन हर क्रिकेट प्रेमी के दिलों में बस्ते हैं। उनकी एक-एक इनिंग हमारे जहन में हमेशा के लिए बस चुकी है। लेकिन आज हम आपके लिए कुछ ऐसी रोचक जानकारियां लेकर आएं हैं जो सचिन के डाई हार्ड फैन्स को भी नहीं पता होती है। तो चलिए शुरू करते हैं।
सचिन ने की थी पाकिस्तान के लिए फील्डिंग
दरअसल साल था 1988 में मुंबई के ब्रेबॉन स्टेडियम में भारत और पाकिस्तान के बीच प्रैक्टिस हो रहा था। लोगों को यह जानकार हैरानी होगी कि क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने पहली बार मैदान पर अपना डेब्यू पाकिस्तान के लिए किया था। भारत vs पाकिस्तान के इस मैच में पाकिस्तानी के 2 प्लेयर्स मैदान से बाहर चले गए थे। फिर पाकिस्तान की टीम ने नियमों के मुताबिक भारत के प्लेयर सचिन तेंदुलकर को फील्डिंग के लिए बुलाया था। इस दौरान सचिन कपिल देव का शॉट पकड़ने में नाकामयाब हुए थे। इस बात का जिक्र खुद उन्होंने अपनी आत्मकथा में किया है।
सचिन के फैंस ने स्टेडियम में फोड़े थे फटाके
अपने बड़ी-बड़ी आतिशबाज़ियाँ देखी होंगी, लेकिन एक आतिशबाज़ी सचिन के फैन्स कभी नहीं भूल सकते। 2008 में भारत और आस्ट्रेलीया के बीच मोहाली में टैस्ट मैच खेला जा रहा था. जिस में सचिन ने सर्वाधिक टेस्ट रन का रिकार्ड तोड़ा था. बस फिर क्या था, मैदान में उत्साह अपने चरम पर पहुँच गया और जमकर आतिशबाजी की गई। फाटकों से आसमान में धुआँ इतना हो गया था कि खेल को 20 मिनट तक रोकन पड़ा था, ताकि धुआँ छट सके।
सचिन की बैटिंग के समय पत्नी नहीं करती थी यह काम
सचिन ने रणजी, दलीप और ईरानी ट्राफी के अपने पहले मैचों में ही शतक जमा दिए थे. ऐसा करने वाले वे भारत के एकलौते खिलाड़ी हैं. उनका यह रिकॉर्ड आज तक कोई भी नही तोड़ पाया है. हर कोई जानता हैं कि सचिन ने 16 साल की उम्र में अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला था, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सचिन ने अपना पहला फर्स्ट क्लास मैच मुंबई के लिए 14 साल की उम्र में खेला था। उनसे जुड़ा एक रोचक किस्सा यह है कि शादी के बाद जब भी सचिन बैंटिंग करते थे तब उनकी पत्नी अंजली मैच के दौरान न कुछ खाती है और न कुछ पीती थी
सचिन की जिंदगी में महत्वपूर्ण है एक रुपए के वे 13 सिक्के
सचिन की जिंदगी से जुड़ा यह किस्सा भी काफी मशहूर यही। सचिन जब दूसरे खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस करते थे तो उनके कोच स्टंप पर एक सिक्का रख देते थे और दुसरे खिलाड़ियों को कहते कि जो खिलाड़ी सचिन को आउट कर देगा, सिक्का उसका हो जाएगा, अगर सचिन को कोई भी खिलाड़ी आउट न कर पाता तो सिक्का सचिन का होता था. इस प्रैक्टिस सेशन में सचिन 13 जितने में कामयाब हुए थे। जो आज भी उनके पास हैं। उस समय किसे पता था कि कोच रमाकांत आचरेकर का यह छात्र एक दिन सम्पूर्ण क्रिकेट जगत का भगवान कहलायेगा.