बड़वाह। नगर के 6 कि.मी दूर नवलपुरा गांव के लोग 2009 से पुलिया निर्माण एवं मरम्मत के लिए तरस रहे है। पुलिया क्षतिग्रस्त होने से बारिश के दिनों मे लोगो को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। गांव के बच्चों की पढाई भी प्रभावित होती है। किसानों को खाद और बीज के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गांव के लोगों ने इस गंभीर समस्या को लेकर जनप्रतिनिधि सहित अधिकारियों से गुहार भी लगा चुके है। परन्तु अभी तक समस्या का हल नही हुआ है।
झोली मे बांधकर नाला पार करना पड़ता है
नगर से 6 कि.मी दूर नवलपुरा गांव मे नाले पर आने जाने के रास्ते के बीच पुलिया के क्षतिग्रस्त होने से गांवो के ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। बारिश मे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए ले जाने के दौरान होती है। झोली मे बांधकर नाला पार करना पड़ता है। इस नाले मे खोडी गांव तक का पानी आता है। नाला हमेशा उफान पर रहता है। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिया की मरम्मत और निर्माण नही होने से हम 2009 से परेशानी उठाते आ रहे है। नाले पर पुलिया निर्माण और मरम्मत के लिए कई बार विधायक, सांसद एवं जनप्रतिनिधि सहित अधिकारियों से गुहार लगा चुके है। उनसे आश्वासन ही मिला है, लेकिन उस अमल नही हो सका।गांव के लोग पुल जैसी समस्या से जूझ रहे है।
लंबे समय से पुलिया निर्माण और मरम्मत के लिए मांग की जा रही है
समाजसेवी राकेश पटेल ने बताया कि सरकार केवल विकास का ढोल पिट रही है। उनके गांव तक आएं तो विकास की असलियत दिख जाएगी। गांव मे पुल की समस्या है। पंचायती राज व्यवस्था में भी लोगों की समस्या का समाधान न होना दुखद है। गांव के लोगों द्वारा लंबे समय से पुलिया निर्माण और मरम्मत के लिए मांग की जा रही है। आज तक विधायक, सांसद, जनप्रतिनिधि सहित अधिकारियों ने आश्वासन ही दिया है। आगामी लोकसभा उपचुनाव मे दोनों दलों के लिए यह समस्या प्रमुख मुद्दा रहेगी। ग्रामीणों ने कहा काम नही तो वोट नही।
बड़वाह से मृदुभाषी के लिए विपिन जैन की रिपोर्ट