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Ratan Tata Birthday – जिन्होंनें दुनिया को दिखाया भारतीय अर्थव्यवस्था का दमखम

कारोबारी घराने की बेमिसाल शख्सियत हैं रतन टाटा।

Ratan Tata Birthday। कारोबार की दुनिया में अपना खास रसूख रखने वाले टाटा ग्रुप के रतन टाटा आज अपना 83 वां जन्मदिन मना रहे हैं। उपलब्धियों से भरे जीवन में रतन टाटा ने कई उपलब्धियों को छूआ है। हिंदूस्तान की अर्थव्यवस्था को उन्होंने एक नए मुकाम पर पहुंचाया है। आइए एक नजर डालते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े खास पहलूओं पर।

28 दिसंबर 1937 को सूरत में हुआ जन्म

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को सूरत में हुआ था। इनके पिता का नाम नवल टाटा और माता का नाम नवजबाई सेठ था। कॉर्नेल और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंनें अपने कारोबार में उतरने का फैसला किया। 1962 में वो टाटा इंडस्ट्रीज मे शामिल हो गए। 1991 में उनको टाटा समूह का चेयरमेन बनाया गया। रतन टाटा को 2000 में पद्‍मभूषण और 2008 में पद्‍मविभूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियों का अधिग्रहण कर टाटा समूह को नई ऊंचाईयां दी और साथ में लखटकिया नैनो कार बनाकर आम आदमी के कार के सपने को साकार किया।

80 देशों में फैला है टाटा का कारोबार

वर्तमान में दुनियाभर के 80 देशों में टाटा समूह का कारोबार फैला हुआ है। रतन टाटा को पियानो बजाने के साथ विमान उड़ाने का काफी शौक है। उनका दुनिया के लिए संदेश है कि क्या कंपनी के लिए अच्छा है, क्या दुनिया के लिए अच्छा है।अब बात करते हैं उनके खास विचारों के बारे में –

केवल पैसा और शौहरत कमाना ही काफी नहीं है, सोचिये जब आपका किसी से ब्रेकअप हो तो उस दिन कंपनी में प्रमोशन कोई मायने नहीं रखता । जब आपकी पीठ में दर्द हो तो कार ड्राइविंग करने में कोई आनंद नहीं आता, जब आपका दिमाग में टेंशन हो तो शॉपिंग करने में भी कोई मजा नहीं आता। ये जीवन आपका है इसे इतना भी गंभीर मत बनाइये, हम सब इस दुनिया में कुछ पलों के मेहमान हैं तो जीवन का आंनद लीजिये उसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।

सब कुछ ठीक है, कभी कभी काम से छुट्टी लेना, क्लास बंक करना, किसी एग्जाम में कम मार्क्स लाना या छोटे भाई बहनों से कभी झगड़ना, सब ठीक है चलता है। जब हम जिंदगी के आखिरी पड़ाव पे होंगे तो यही छोटी छोटी बातें हमें हँसाएंगी और कंपनी के प्रमोशन, 24 घंटे लगातार काम ये सब उस दिन कोई मायने नहीं रखेंगे। हम लोग इंसान हैं कोई कम्प्यूटर नहीं, जीवन का मजा लीजिये इसे हमेशा गंभीर नहीं बनाइये ।

मैं सही फैसले लेने में यकीन नहीं रखता, बल्कि मैं फैसले लेकर उन्हें सही साबित करता हूँ।

अगर आपको तेज चलना है तो अकेले चलिए, लेकिन अगर दूर तक चलना है तो साथ साथ चलिए।

हमेशा भारत के भविष्य की क्षमता के बारे में बहुत उत्साहित और विश्वस्त रहा हूँ, मेरा मानना है कि यह महान क्षमताओं वाला एक महान देश है।