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रामपुर खास यूपी की वो सीट जहां 42 साल से नहीं हारी कांग्रेस, प्रमोद तिवारी का रहा है वर्चस्व

उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से अपने सूखे को ख़त्म करने के लिए कांग्रेस इस बार एड़ी छोटी का जोर लगा रही है। यूपी का एक भी जिला ऐसा नहीं होगा जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी इस बार प्रचार करने न पहुंची हो। लम्बे अर्से बाद कांग्रेस के पास एक मौका है की कांग्रेस अपने सूखे को ख़त्म कर सके।

लेकिन क्या आप जानते है कि यूपी में एक सीट ऐसी भी है जहां कांग्रेस के लिए हर मौसम सावन था यानी पिछले 42 साल से इस सीट को कांग्रेस से कोई छीनने की मजाल नहीं कर पाया है।

चाहे राम की लहर हो समाजवाद की लहर कांग्रेस ने हर बार यहाँ से अपना परचम लहराया है। पिछले 10 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के पंजे ने हमेशा विरोधियों के लिए टिकने का कोई मौका नहीं छोड़ा। यह सीट है प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास की

सबसे पहले बात करते हैं कि सालों से रामपुर खास की सीट को कांग्रेस के लिए गढ़ में तब्दील करने वाले कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रमोद तिवारी कौन है। प्रमोद तिवारी ने 1979 में राजनीति में कदम रखा।

1979 में पहली बार वह साधन सहकारी समिति संग्रामगढ़ के अध्यक्ष चुने गए। 1980 में विधानसभा के आम चुनाव में रामपुरखास क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे।

पहले चुनाव में ही उन्हें क्षेत्र के लोगों का जबरदस्त समर्थन मिला। इसी का नतीजा रहा कि उन्होंने राजेंद्र सिंह को भारी मतों से परास्त कर विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 1980 से शुरू हुआ जीत का सिलसिला आज तक नहीं थम सका है।

वह रामपुर खास विधानसभा से ही 2013 तक कांग्रेस से ही लगातार नौ बार विधायक चुने गए। उत्तर प्रदेश सरकार में वह तीन बार मंत्री भी रहे। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. श्रीपति मिश्र, स्व.वीर बहादुर सिंह और नारायण दत्त तिवारी के कार्यकाल में 9 वर्षों तक विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। विधानसभा की विभिन्न समितियों में शामिल होने के साथ ही उन्हें पांच बार कांग्रेस विधानमंडल का नेता चुना गया।

2013 को प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा जाने के बाद खाली हुई सीट पर अपनी बेटी आराधना उर्फ मोना मिश्रा को मैदान में उतारा और वह पिता की विरासत पर काबिज हैं। पहली बार उपचुनाव में आराधना मिश्रा मोना बड़े अंतर से जीती थीं।

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर में भी उन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी और भाजपा प्रत्याशी नागेश प्रताप सिंह उर्फ छोटे सरकार को करारी शिकस्त दी। आराधना मिश्रा मोना कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की करीबियों में हैं। वह प्रियंका गांधी के दौरे के वक्त उनके साथ दिखती हैं। ऐसे में यह चर्चित सीटों में शामिल है।

बतादें कि इस सीट पर सीधा मुकाबला मोना मिश्रा और बीजेपी के नागेश प्रताप सिंह के बिच में है। समाजवादी पार्टी ने इस सीट [पर कांग्रेस वॉकओवर दिया है। प्रतपगढ़ के ही बड़े बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया और मोना मिश्रा के पिता प्रमोद तिवारी के बिच चल रही अर्सों पुराणी अदावद भी इस बार ख़त्म हो गई है।

राजा भैया ने भी अपनी पार्टी से इस सीट पर कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है और कहा जा रहा है कहा जा रहा है कि राजा भैया इस बार मोना मिश्रा को समर्थन दे रहे हैं।

इस विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण, क्षत्रिय मतदाताओं के साथ ही अन्य पिछड़ी जातियों के मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं. दलित मतदाता भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं. हालांकि, यहां प्रमोद तिवारी का सिक्का चलता है और वोटिंग पर जातिगत फैक्टर काम नहीं करता. रामपुर खास सीट पर चुनाव हो चुके है।

,और हमेशा की तरह इस बार भी लोग यह मान रहे है कि कांग्रेस यह सीट निकाल लेगी। लेकिन यह कहना आसान है क्यों कि यह यूपी का चुनाव है यहाँ कब क्या हो जाए यह नहीं कहा जा सकता।

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