Mradhubhashi
Search
Close this search box.

रामजन्मभूमि: अयोध्या में रामलला के गर्भगृह की प्रथम शिला के पूजन का अनुष्ठान शुरू, 1 जून से प्रारंभ होगा निर्माण

अयोध्या। श्रीरामलला के भव्य मंदिर में गर्भगृह का निर्माण कार्य 1 जून से प्रारंभ हो जाएगा। मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि शुभ मुहूर्त 24 जनवरी 2024 को श्रीराम लला को विराजमान किया जाएगा। राम मंदिर के गर्भ गृह की आधार शिला के पूजन के पांच दिन पहले शनिवार से निर्माण स्थल पर वैदिक आचार्यों ने पांच दिवसीय विशेष सर्वदेव अनुष्ठान शुरू कर दिया है।
आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि शुभ मुहूर्त 24 जनवरी 2024 को श्रीरामलला को विराजमान किया जाएगा। एक जून को सीएम योगी आदित्यनाथ ,डिप्टी, सीएम केशव प्रसाद मौर्य सहित संघ ,विश्व हिंदू परिषद, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और बीजेपी सहित संतो महंतों की उपस्थिति में गर्भगृह की आधार शिला रखेंगे।
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 24 जनवरी 2024 इस तारीख को सेव कर लीजिए। 550 साल बाद यह मौका होगा जब श्रीराम लला को स्थायी निवास मे विराजमान किया जाएगा।

देश के 40 नामचीन वैदिक ब्राह्मण मौजूद

श्रीरामलला के गर्भगृह के प्रथम शिला का पूजन 1 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। इस पूजन का अनुष्ठान राम जन्मभूमि परिसर में शनिवार से शुरू हो गया है। इसमें पूरे देश के 40 विद्वान ब्राह्मण रामलला के गर्भ गृह निर्माण के निमित्त होने वाले अनुष्ठान का पूजन अर्चन कर रहे हैं।

पूरे परिसर की आकर्षक सजावट

पूरे रामजन्मभूमि परिसर की आकर्षक सजावट हो रही है, निमार्णाधीन गर्भगृह के चारों तरफ रंगोली सजाई जाएगी। वहीं अस्थाई राम जन्मभूमि मंदिर को भी फूलों से सजाने की योजना है, कार्यक्रम में आने वाले वीआईपी मेहमानों के साथ इसमें शामिल होने वाले लोगों के बैठने आदि की व्यवस्था भी की जा रही है, साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में भी प्रशासनिक अमला जुटा हुआ है। गर्भगृह स्थल पर 5 दिन तक अनुष्ठान चलेगा।

होगी नई भव्य मूर्ति की स्थापना

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक भव्य मूर्ति स्थापना रामलला के नवनिर्मित मंदिर में करना चाहता है। रामलला के जन्म स्थान पर विराजमान रामलला और उनके चारों भाई की मूर्ति 1 फुट ऊंची है। ऐसे में साज, सज्जा और फूल माला के लगने के बाद मूर्तियां पूर्ण रूप से छुप जाती हैं। वर्तमान में रामलला के अस्थाई मंदिर में मात्र 32 फुट की दूरी से रामलला के श्रद्धालुओं को दर्शन दिया जा रहा है। उस पर भी बहुत गौर से ही रामलला की मूर्ति और तीनो भाई नजर आते हैं। ऐसे में ट्रस्ट भव्य मंदिर में नई मूर्ति की स्थापना करेगा।

बेहद खास होगी मूर्ति

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राम मंदिर के आकार, लंबाई-चौड़ाई के अनुसार अब रामलला के भव्य मंदिर में नव्यमूर्ति की स्थापना की जाएगी। चूंकि राम लला का मंदिर रामानंद संप्रदाय के पद्धति पर संचालित होता है ऐसे में कमेटी का दायित्व होगा कि रामानंद संप्रदाय के लोगों से मुलाकात कर रामलला की नई मूर्ति के स्वरूप को लेकर के मंथन करें और फिर उनके निर्देशानुसार ही मूर्ति का निर्माण किया जाए।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट