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Ramappa Mandir: बारहवीं शताब्दी के रामप्पा मंदिर को UNESCO की विश्व धरोहर सूची में किया शामिल

नई दिल्ली: यूनेस्को ने तेलंगाना के वारंगल के पालमपेट में स्थित रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर के रूप में मान्यता दी है। इस तरह भारत के 39 स्थल अभी कर UNESCO की विश्व धरोहर सूची में स्थान पा चुके हैं।

वारंगल में है रामप्पा मंदिर

संस्कृति मंत्रालय की ओर से केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी और कहा कि मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि यूनेस्को ने तेलंगाना के वारंगल के पालमपेट में स्थित रामप्पा मंदिर को विश्व धरोहर स्थल के तौर पर मान्यता दी है। राष्ट्र, खासकर, तेलंगाना के लोगों की ओर से, मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए आभार व्यक्त करता हूं।

काकतिया वंश ने बनवाया था मंदिर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर बधाई दी और कहा कि शानदार! सभी को बधाई, खासकर तेलंगाना की जनता को. प्रतिष्ठित रामप्पा मंदिर महान काकतिया वंश के उत्कृष्ट शिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है. मैं आप सभी से इस शानदार मंदिर के परिसर में जाने और इसकी भव्यता का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का आग्रह करता हूं।

सेनापति रेचारला रुद्र ने करवाया था निर्माण

सरकार ने 2019 में इस मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल करने का प्रस्ताव किया था। रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1213 ईस्वी में काकतीय साम्राज्य के शासनकाल में काकतीय राजा गणपति देव के एक सेनापति रेचारला रुद्र ने करवाया था। 40 सालों तक इस मंदिर का निर्माण जारी रहा था। मंदिर में देवता रामलिंगेश्वर स्वामी की प्रतिमा विराजमान है। मूर्ति के वास्तुशिल्पी के नाम पर मंदिर को रामप्पा मंदिर कहा जाता है।

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