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मप्र में इंदौर-उज्जैन सहित 15 राज्यों में कट्टरवादी संगठन पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी, देशभर में 106 गिरफ्तारियां

एनआईए ने गुरुवार तड़के देशभर में कट्टरवादी संगठन पीएफआई के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इसमें मुख्य तौर पर पीएफआई के पदाधिकारियों और उसकी गतिविधियों में शामिल लोगों पर कार्रवाई हुई। उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई जो छापेमारी के दौरान धरना प्रदर्शन कर रहे थे।

बतादें कि आतंकवादियों की कमर तोड़ने के लिए गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया (पीएफआई) और उससे जुड़े लिंक्स पर छापेमारी की। देशभर में 93 ठिकानों पर छापेमारी की गई। इसमें 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिन राज्यों में एनआईए ने छापेमारी की है उनमें मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, और असम शामिल हैं। पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। 500 अफसर सर्च आॅपरेशन में शामिल रहे।

टेरर फंडिंग और ट्रेनिंग कैम्प चलाने के मामले में इंदौर और उज्जैन में भी एनआईए की छापेमारी हुई है। यहां से पीएफआई के चार लीडर्स को हिरासत में लिया गया है। इंदौर में पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल करीम बेकरी के अलावा जावेद, खालिद को हिरासत में लिया गया है। पीएफआइ का एक अन्य प्रमुख पदाधिकारी अब्दुल रऊफ बेलिम पहले से जिलाबदर बताया जा रहा है। उज्जैन से जमील को हिरासत में लिया गया है। एनआईए और ईडी ने टेरर फंडिंग के हिसाब-किताब के अलावा मध्यप्रदेश से भड़काऊ साहित्य भी बरामद किया है। हिरासत में लिए गए सभी संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

अब तक का सबसे बड़ा एक्शन

पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ एनआईए का यह अब तक का सबसे बड़ा एक्शन है। इस कार्रवाई के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय में गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग हुई। मीटिंग में एनएसए अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय भल्ला और एनआईए के महानिदेशक मौजूद रहे।

मालवा-निमाड़ क्षेत्र में एक्टिव है पीएफआई

मध्यप्रदेश में पीएफआई का नाम कई मामलों में सामने आया था। खरगोन में रामनवमी के जुलूस के बाद हुए दंगों को सुनियोजित साजिश बताकर उसकी लिंक पीएफआई से भी जोड़ी गई थी। इसके बाद प्रदेश के अन्य इलाकों में भी पीएफई की सक्रियता के दावे किए जा रहे थे। ऐसे में यह कार्रवाई पीएफआई के मंसूबों को सामने ला सकती है। पीएफआई को मालवा-निमाड़ क्षेत्र में एक्टिव माना जाता है। कुछ लोगों का दावा है कि सिमी के ही सक्रिय सदस्य अब पीएफआई में जुड़ गए हैं। इस मामले में मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि टेरर फंडिंग से जुड़े मामलों की और भी जानकारी जुटाई जा रही है।

इंदौर के एसीपी ने की गिरफ्तारियों की पुष्टि

इंदौर में एडिशनल पुलिस कमिश्नर (एसीपी) राजेश हिंगणकर ने पीएफआई पर की गई इस कार्रवाई की पुष्टि की है। एसीपी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों के नाम अब्दुल करीम बेकरी उर्फ बेकरीवाला पिता अब्दुल रहीम (जूना रिसाला),मोहम्मद जावेद पिता मो.शाबिद (छीपा बाखल) और अब्दुल खालिद पिता कय्यूम (जूना रिसाला) है। बेकरीवाला पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष है। जबकि मोहम्मद जावेद ओजी और अब्दुल खालिद खुद को महासचिव बताता है। एजेंसी ने जवाहर मार्ग स्थित उस बिल्डिंग में भी छापा मारा जहां पीएफआई का कार्यालय था। यहां से एजेंसी ने भारी मात्रा में पुस्तके,पर्चे,कम्प्यूटर और झंडे-बैनर जब्त किए हैं। अब्दुल करीम बेकरी को इंदौर के अहिल्या पल्टन के घर से गिरफ्तार किया गया।

उज्जैन से जमील शेख को पकड़ा

उज्जैन में जमील शेख को गिरफ्तार किए जाने की सूचना है। वह पीएफआई का सचिव बताया जा रहा है। फिलहाल स्थानीय पुलिस अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। इस कार्रवाई को लेकर बताया जा रहा है कि गुरुवार तड़के 4.30 बजे एजेंसी के अधिकारी उज्जैन के चिमनगंज थाना क्षेत्र के गांधीनगर में स्थित जमील के घर पहुंचे। जमील परिवार के साथ सो रहा था। एनआईए ने उसे गिरफ्तार किया और घर की तलाशी ली। कुछ किताबें और दस्तावेज जब्त किए और जमील को लेकर चले गए।

इन राज्यों से इतनी गिरफ्तारियां
कर्नाटक: 20
केरल: 22
महाराष्ट्र: 20
तमिलनाडु: 10
असम: 9
उत्तरप्रदेश: 8
आंध्रप्रदेश: 5
मध्यप्रदेश: 4
दिल्ली: 3
पुडुचेरी: 3
राजस्थान: 2

इससे पहले 18 सितंबर को भी हुई थी छापेमारी

इससे पहले एनआईए की टीम ने 18 सितंबर को भी तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। इनमें तेलंगाना-आंध्र के दो-दो लोग शामिल थे।

संगठन पर बैन लगाने की तैयारी

कट्टरवादी संगठन पीएफआई का जाल अचानक तेजी से फैला है। इंटेलिजेंस भी इस संगठन से बड़ा खतरा बता चुकी है। सिमी से कनेक्शन मिलने के बाद यह संगठन सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। सरकार तमाम इनपुट और एविडेंस के आधार पर अब इस संगठन पर बैन लगाने की तैयारी में है।

इन मामलों में आया पीएफआई का नाम

-एनआईए अधिकारियों के मुताबिक कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और हैदराबाद में आतंकी गतिविधि बढ़ाने के लिए भारी संख्या में टेरर फंडिंग की गई है।एनआईए को सूचना मिली कि कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों से पीएफआई बड़े स्तर पर ट्रेनिंग कैंप लगा रही है। इसमें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के साथ लोगों का ब्रेनवॉश भी किया जा रहा था।
-जुलाई में पटना पुलिस ने फुलवारी शरीफ में छापेमारी कर आतंकी साजिश का खुलासा किया था। खुलासे के मुताबिक आतंकियों के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे।
-कर्नाटक के उडुपी में इस साल की शुरुआत में हिजाब का विवाद शुरू हुआ। कर्नाटक सरकार के मुताबिक इस विवाद के पीछे भी पीएफआई कार्यकर्ता थे।
-18 सितंबर को केरल के कोझिकोड में एक रैली के दौरान पीएफआई नेता अफजल कासिमी ने मुस्लिमों से जिहाद के लिए तैयार रहने को कहा था।
-23 अगस्त 2021 को इंदौर के बाणगंगा इलाके में एक संदिग्ध चूड़ी वाले की पिटाई के बाद सेंट्रल कोतवाली थाने पर पीएफआई की विंग एसडीपीआई ने भारी प्रदर्शन किया था।
-उज्जैन में पीएफआई के सदस्यों ने फरवरी 2021 में स्थापना दिवस मनाया था और संगठन का झंडा फहराया था।

विषय गंभीर है

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि एनआईए देशभर में इस मुहिम की अगुवाई कर रही है। निश्चित रूप से मप्र में इस मुहिम के बारे में मेरे मंत्रालय और पुलिस के पास पूरी जानकारी है, लेकिन विषय गंभीर है और हमें इसकी मर्यादा रखनी चाहिए।

एनआईए ने मांगे थे अधिकारी

कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया है कि इंदौर एनआईए ने अपनी मुहिम में स्थानीय स्तर पर मदद के लिए बुधवार रात कुछ प्रशासनिक अधिकारी मांगे थे और गुरुवार की सुबह उन्हें पता चला कि इंदौरके जवाहर मार्ग पर पीएफआई के एक संस्थान पर छापा मारा गया है।

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